सरसा। पूज्य गुरु संत डॉॅ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इंस्ट्राग्राम पर रील अपलोड की है। वीडियो में पूज्य गुरु जी किसानों को जानकारी दे रहे हैं। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि किसानों को आॅर्गेनिक खेती करनी चाहिए। उसके लिए खाद जरूरी है। वैसे हर खेती के लिए यह खाद बढ़िया मानी गई है।
गोबर की खाद और उससे भी बहुत बढ़िया खाद वर्मीकम्पोस्ट केंचुआ खाद कैसे बनाई जाती है। आज हम आपको कुछ थोड़ा सा तरीका बताना चाहते हैं। आप घर में भी बना सकते है। तसले में आप ये गोबर ले और उस गोबर में केंचुआ डाले। अब इसमें थोड़ा सा पानी साइड़ों में डाले। थोड़ा गोबर गीला होने दें। फिर इसको थोड़ा सा फैला दो। ये अपने आप ही गोबर में चले जाएंगे। थोड़ी देर में खाद तैयार हो जाएगी। वीडियो देखने के लिए इस पर क्लिक करें।
केंचुआ खाद या वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है। यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है।
वर्मी कम्पोस्ट में बदबू नहीं होती है और मक्खी एवं मच्छर नहीं बढ़ते है तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता है। तापमान नियंत्रित रहने से जीवाणु क्रियाशील तथा सक्रिय रहते हैं। वर्मी कम्पोस्ट डेढ़ से दो माह के अंदर तैयार हो जाता है। इसमें 2.5 से 3% नाइट्रोजन, 1.5 से 2% सल्फर तथा 1.5 से 2% पोटाश पाया जाता है।
केंचुआ खाद की विशेषताएँ : इस खाद में बदबू नहीं होती है, तथा मक्खी, मच्छर भी नहीं बढ़ते है जिससे वातावरण स्वस्थ रहता है। इससे सूक्ष्म पोषित तत्वों के साथ-साथ नाइट्रोजन 2 से 3 प्रतिशत, फास्फोरस 1 से 2 प्रतिशत, पोटाश 1 से 2 प्रतिशत मिलता है।
- इस खाद को तैयार करने में प्रक्रिया स्थापित हो जाने के बाद एक से डेढ़ माह का समय लगता है।
- प्रत्येक माह एक टन खाद प्राप्त करने हेतु 100 वर्गफुट आकार की नर्सरी बेड पर्याप्त होती है।
- केचुँआ खाद की केवल 2 टन मात्रा प्रति हैक्टेयर आवश्यक है।