हिंदी दिवस पर विशेष: हिंदी हमारा गर्व, हिंदुस्तान की शान है हिंदी

Special on Hindi Day

 राष्ट्र भाषा का सम्मान करें और हिन्दी बोलने पर करें गर्व

(Special on Hindi Day)

सच कहूँ/देवीलाल बारना  कुरुक्षेत्र। हिंदुस्तान में हिंदी देशवासियों की शान है। स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में लिखा है कि संघ की राष्ट्रभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा। इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था। इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था।

यूं तो बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे विश्व में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे अच्छी तरह से समझने, पढ़ने और लिखने वालों में यह संख्या कम है। इसके साथ ही हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी के शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है और कई शब्द प्रचलन से हट गए और अंग्रेजी के शब्द ने उसकी जगह ले ली है। हिंदी दिवस के अवसर पर जब हिंदी प्रेमियों से बातचीत की गई तो उन्होंने इस प्रकार से अपने विचार प्रकट किए।

speaking Hindi

राष्ट्रीय भाष है तो हिंदी बोलें: कविता

राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक कविता कश्यप का कहना है कि हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है लेकिन फिर भी हम जाने क्यूं हिन्दी बोलने से कतराते हैं। माता-पिता भी चाहते हैं कि उनका बच्चा फराटेदार इंग्लिश बोले। हिन्दी दिवस मनाना तभी सार्थक है अगर हम सभी अपनी राष्ट्र भाषा का सम्मान करें और हिन्दी बोलने पर गर्व महसूस करें।

अंग्रेजी बोलने को प्रचलन में शामिल न करें: नैन

हिंदी व हरियाणवी कवयित्री रेनू नैन का कहना है कि अंग्रेजी बोलने को प्रचलन में शामिल न करें। ठीक है कि अंग्रेजी भाषा सीखना भी जरूरी है लेकिन हमे अपनी मातृभाषा को नही भूलना चाहिए। मैं स्वयं हिंदी भाषा को लिखने व बोलने में गर्व महसूस करती हूँ। यदि हर कोई ऐसा करे तो मुझे लगता है कि हिंदी भाषा का प्रचलन पहले से भी ज्यादा बढ जाएगा। नैन ने कहा कि वे जब भी कविता लिखने बैठती हैं तो हिंदी शब्दों का ही प्रयोग करती हैं।

रोजाना हिंदी का प्रयोग करें युवा: सुनील

राजकीय प्राथमिक पाठशाला पावरहाऊस बारना के मुख्य शिक्षक सुनील कुमार ने कहा कि अंग्रेजी के लगातार बढ रहे प्रचलन के बाद अब आवश्यकता है कि विशेषकर युवा वर्ग रोजाना हिंदी का प्रयोग करे। आम बोलचाल में हर भारतीय का चाहिए कि वे हिंदी का प्रयोग करे। तभी हिंदी की सार्थकता साबित होगी। सुनील कुमार ने बताया कि वे प्रयास करते हैं कि विद्यालय और समाज में हिंदी भाषा का ही प्रयोग ज्यादा करते हैं। हिंदी का प्रयोग कर वे गर्व महसूस करते हैं।

हिंदी दिवस के उद्देश्य को समझे आमजन: सुनीता

शिक्षक सुनीता सैनी ने कहा कि आमजन हिंदी दिवस के उद्देश्य को समझें ताकि हम अपनी आने वाली पीढियों को हिंदी का सही उच्चारण दे सकें। हिंदी दिवस के दिन तो विशेषकर हिंदी का ही प्रयोग करें ताकि हमारे बच्चे भी हमारा अनुसरण करते हुए हिंदी का प्रयोग कर सकें।

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