ओपीडी पर पड़ा सबसे ज्यादा असर
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ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटा निर्धारित की मांग
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पीजीआई में इलेक्टीव ऑपरेशन बंद, सिर्फ आपतकालीन ही होंगे
रोहतक (सच कहूँ/नवीन मलिक)। पीजीआईएमएस में रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ने लगी है। हड़ताल का सबसे अधिक असर ओपीडी पर देखने को मिला है। अब ओपीडी में कार्ड बनाने का समय भी दो घंटे कम कर दिया गया है। साथ ही पीजीआई प्रबंधन ने सभी तरह के इलेक्टीव ऑपरेशन रोक दिए हैं, सिर्फ आपातकालीन ऑपरेशन ही किए जाएंगे। हड़ताल पर गए डाक्टरों को मनाने के लिए लगातार पीजीआई प्रबंधन द्वारा बैठकों का दौर चल रहा है। मंगलवार को रेजिडेंट डाक्टरों ने हड़ताल जारी रखी और सिर्फ एमरजेंसी व ट्रामा सेंटर में सेवाएं दी।
रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से ओपीडी व वार्डों में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थिति को देखते हुए पीजीआई प्रबंधन ने छुट्टी पर गए 150 डाक्टरों को कॉल किया है और एक आध डाक्टर डयूटी पर वापिस लौट भी आए है। पीजीआई में करीब 450 डाक्टर हड़ताल पर है। रेजिडेंट डाक्टरों का कहना है कि मरीजों को परेशान करना हमारी कोई नियत नहीं है, लेकिन सात महीने से भी ज्यादा समय हो गया, लेकिन पीजी के पहले बैच के दाखिले भी अभी तक नहीं हुए हैं, जिनके कारण रेजिडेंट डाक्टरों को उनका काम करना पड़ रहा है, जिससे रेजिडेंट डाक्टरों की पढाई बाधित हो रही है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य संस्थानो के एडमिशन में इकनोमिक सेशन (ईडब्ल्यूयूएस) और ओबीसी कोटा निर्धारित किया जा रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिसके चलते पीजी के पहले बैच की काउसलिंग नहीं हो पा रही है और देश के कई संस्थानों में इसी मामले को लेकर रेजिडेंट डाक्टरों ने हड़ताल शुरू कर रखी है।
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