एसएलआर में 0.5 प्रतिशत कटौती
- जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया
मुंबई। रिजर्व बैंक ने आम धारणा के मुताबिक प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन राज्यों के बीच कृषि ऋण माफी को लेकर जारी होड़ को देखते हुए राजकोषीय स्थिति बिगड़ने को लेकर चिंता जरूर जताई।
केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा में सांविधिक तरलता अनुपात 0.5 प्रतिशत घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया। एसएलआर के तहत बैंकों को निर्धारित हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में लगाना होता है। शीर्ष बैंक के इस कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अधिक नकदी बचेगी। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को भी 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। मौद्रिक नीति समिति की यहां हुई पांचवीं बैठक में रेपो दर को 6.25 प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो को 6 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया। रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पावधि कर्ज देता जबकि रिवर्स रेपो के अंतर्गत आरबीआई बैंकों से अतिरिक्त नकदी को लेता है।
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