22780 लोगों ने गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त की
सरसा। सत्संग में आना बहुत बड़ी बात है। भाग्यशाली होते हैं वे जो सत्संग में चलकर आते हैं। वचनों पर अमल कमाकर और भाग्यशाली बन जाते हैं। उक्त वचन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंंह जी इन्सां ने रविवार को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित विशाल रूहानी सत्संग के दौरान फरमाए। इस दौरान 22780 लोगों ने गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त कर सामाजिक बुराइयों को त्यागने का प्रण लिया।
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज कलियुग का दौर है, जिसमें इन्सान मनमते ज्यादा चलता है। काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार, मन और माया इन सब ने इन्सान को अपना गुलाम बना रखा है। आज इन्सान विषय विकारों में समय लगाता है। ठग्गी, बेईमानी, भ्रष्टाचार में समय लगाता है। झूठ बोलना उसमें समय लगाता है, चुगलियां, निंदा, गप मारना यह आजकल आम बात हो गई है। इस कलियुग में सबसे मुश्किल है राम के नाम में बैठना। राम के नाम का जाप करना। दस मिनट भी अगर प्रभु का नाम लेना पड़ जाए तो ऐसे लगता है कि जैसे बहुत सारा बोझ उठा लिया हो, ऐसे लगता है जैसे बहुत बड़ी कुर्बानी दे दी हो।
राम-नाम की बात अलुनीसिल की तरह लगती है
दुनिया की तमाम बातें मसालेदार लगती हैं, लेकिन राम-नाम की बात अलुनीसिल की तरह लगती है कि यह तो बकबका समान है, लेकिन आप नहीं जानते कई बकबकी चीजें सेहत के लिए बहुत फायदे मंद होती है। उदाहरण:- अवोकाड़ो एक फल आया है बड़ा ही बकबका है लेकिन कहते हैं कि वह फल सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
कुनेन बड़ी कड़वी होती है पर सेहत के लिए बहुत ही अच्छी होती है। नीम की दातुन बड़ी कड़वी होती है लेकिन दातों के साथ मुंह की बहुत सी बीमारियों से निजात दिला देती है। नीम, करेला, जामुन, मैथी यह ऐसी चीजें है, जिसे कोई खाना पंसद नहीं करेगा लेकिन क्या आप जानते है कि यह चीजें शरीर सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है और पुरातन में लोग इन्हें खाया करते थे। गाँव में बड़ा अच्छा सा फल होता है नीम की निमौली। नीम के बीज लगते हैं, पहले वह हरे रंग की होती है और फिर बाद में पीला रंग की हो जाती है।
चीनी व नमक सबसे घातक है
फिर हल्का सा संतरा रंग हो जाता है तो जब निमौली का रंग जब पीला या संतरा होता है, तब वह खा ली या चुस ली जाए तो वह बहुत ही मीठी होती है और बड़ी ही गुणकारी होती है तो कहने का मतलब हर मीठी चीज फायदेमंद नहीं होती और हर कड़वी चीज नुक्सानदायक नहीं होती। मीठे में चीनी है और अब डॉक्टर मानने लगे हैं कि चीनी सबसे घातक है, नमक है वह भी सबसे घातक है और आप नमक मिर्च वाली बातें ही पंसद करते हैं।
जब खाने-पीने में नमक मिर्च घातक है तो जो बातें भी नमक मिर्च वाली होती हैं, वह भी उतनी ही घातक है। चुगली करते हो, एक तरह से आप दूसरों की मैल धोते हो, एक तरह से आप दूसरों की बुराईयां अपने आप में प्रवेश करने का मौका देते हो, इसलिए निंदा चुगली कभी भी नहीं करनी चाहिए।
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