बेल-430 हेलीकॉप्टर मामले में बीमा कंपनी को ‘सुप्रीम’ राहत

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नयी दिल्ली। Supreme Court ने कनाडा से भोपाल ट्रांजिट के दौरान बेल-430 हेलीकॉप्टर के क्षतिग्रस्त होने के मामले में बीमा कंपनी को राहत प्रदान करते हुए 64 लाख रुपये के मुआवजे के भुगतान का राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग का आदेश निरस्त कर दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने शुक्रवार को बजाज एलांयज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड एवं अन्य की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) मंजूर करते हुए आयोग का वह निर्णय पलट दिया, जिसमें उसने मध्य प्रदेश को मुआवजा के तौर पर 64 लाख रुपये देने का बीमा कंपनी को निर्देश दिया था।

पंद्रह साल पहले इस हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा कनाडा से भोपाल लाते वक्त नयी दिल्ली में क्षतिग्रस्त हुआ था। मध्य प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर को भोपाल लाने के लिए बीमा कंपनी से जुलाई 2005 में ‘ट्रांजिट मरीन इंश्योरेंस पॉलिसी’ खरीदी थी। Supreme Court ने कहा, ‘‘यह निर्विवादित है कि सीमा शुल्क भुगतान के समय किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं थी। बीमा पॉलिसी कवर सिर्फ हेलीकाप्टर को लाने से संबंधित जोखिम के बारे में था और इसकी उड़ान या संचालन का जोखिम इसके दायरे में नहीं था।”

राज्य सरकार ने नवंबर, 2005 में बीमा कंपनी को सूचित किया था कि निरीक्षण के दौरान हेलीकाप्टर का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त पाया गया। बीमा कंपनी ने सरकार के इस दावे को अस्वीकार करते हुए कहा था कि हेलीकाप्टर को यह नुकसान बीमा अवधि समाप्त होने के बाद हुआ है। इसके बाद राज्य सरकार ने राज्य उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग में मामला दायर किया था, जिसने बीमा कंपनी की सेवा में खामी पायी और उसे 64 लाख 89 हजार 205 रुपये राज्य सरकार को बतौर मुआवजा अदा करने का आदेश दिया।

 

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