- सेंट्रल वेयर हाउस के गोदामों से वापस उठाए अपने उत्पाद
हनुमानगढ़। सेंट्रल वेयर हाउस के दो गोदामों को रिलायंस कंपनी (Reliance Company) को 15 साल के लिए ठेके पर देने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जंक्शन के औद्योगिक क्षेत्र द्वितीय चरण में स्थित सेंट्रल वेयर हाउस के गोदामों के समक्ष एक साल से चल रहा सीटू का बेमियादी धरना शनिवार को समाप्त हो गया। इस दौरान हुई सभा में किसान-मजदूर नेताओं ने इसे मजदूर-किसानों की बड़ी जीत बताया।
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गोदामों को शोरूम व मॉल के रूप में इस्तेमाल करेगा : रामेश्वर वर्मा
सभा को संबोधित करते हुए सीटू नेता रामेश्वर वर्मा ने कहा कि जंक्शन के औद्योगिक क्षेत्र द्वितीय चरण में स्थित सेंट्रल वेयर हाउस के दो गोदामों को केन्द्र सरकार ने अंबानी की रिलांयस कंपनी को किराए पर दे दिया। जबकि इन गोदामों को बनाने का मकसद यह था कि यहां किसानों की कृषि जिन्स रखी जा सकेगी। जो व्यापारी फसल खरीदेगा वह फसल इन गोदामों में रखी जाएगी। लेकिन इन गोदामों को अंबानी को किराए पर देने पर वह इन गोदामों को शोरूम व मॉल के रूप में इस्तेमाल करेगा। साथ ही इन गोदामों को बनाने का सरकार का मकसद पूरी तरह से फेल हो जाएगा। इन गोदामों के बाद अन्य गोदामों को भी केन्द्र सरकार की किराए पर देने की इच्छा थी।
एक साल दो दिन लम्बा चला आंदोलन, सभा कर उठाया धरना
इसके खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ और सीटू ने एकजुट होकर निर्णय लिया कि यह गोदाम सरकार के पास रहने चाहिएं। इन्हें रिलायंस को किराए पर न दिया जाए। यहां पर किसान, व्यापारी व सरकार अपना अनाज रखे। इसलिए 20 अक्टूबर 2021 को सेंट्रल वेयर हाउस के गोदाम के समक्ष बेमियादी धरना शुरू किया गया। इस दौरान समय-समय पर सभाओं व प्रदर्शन का कार्यक्रम किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता भी सभाओं में पहुंचे। अब मजदूरों-किसानों व आम लोगों के सहयोग व आंदोलन के आगे केन्द्र सरकार और अम्बानी को झुकना पड़ा। उन्हें अपने कदम वापस खींचने पड़े और इन दोनों गोदामों में रखे गए उत्पाद वापस उठाकर ले जाने पड़ा। यह संयुक्त किसान मोर्चा और सीटू और इलाके के आम किसानों-मजदूरों की जीत है।
यह आंदोलन एक साल और दो दिन तक चला। शनिवार को सभा कर बेमियादी धरना समाप्त किया गया है। वर्मा ने कहा कि इस जीत को कायम रखते हुए भविष्य में भी जब किसानों-मजदूरों पर जुल्म होगा या उनके खिलाफ नीतियां बनेंगी तो उसके खिलाफ आंदोलन जारी रखा जाएगा। साथ ही कहा कि उनका किसान आंदोलन जारी है। केन्द्र सरकार ने तीन बातों को लेकर हुए समझौते को लागू नहीं किया है। उसके खिलाफ आंदोलन जारी है। रेशमसिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 15 साल के लिए इन गोदामों को ठेके पर दे दिया था।
15 साल तो बहाना था। एक बार किराए पर दिए गए गोदाम वापस नहीं आने वाले थे। केन्द्र सरकार पूंजीपतियों की सरकार है जो देश में पूंजीवाद को बढ़ावा दे रही है। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने इसके खिलाफ आवाज उठाई कि सेंट्रल वेयर हाउस के गोदाम ठेके पर नहीं देने देंगे। इसके खिलाफ लगातार करीब एक साल तक संघर्ष चला। अब रिलांयस कंपनी ने इन गोदामों में रखे अपने उत्पाद उठा लिए हैं। इन गोदामों को खाली कर दिया है। इस आंदोलन में विशेषकर मजदूरों का सर्वाधिक सहयोग रहा जिन्होंने देश की सरकारी सम्पति को बिकने से बचाया।
रघुवीर सिंह वर्मा ने बताया कि रिलायंस कंपनी ने पूरे भारत में 431 गोदाम ठेके पर लिए थे लेकिन हनुमानगढ़ का गोदाम नहीं चलने दिया। एक साल तक सामान रखने के बाद रिलायंस कंपनी ने गोदाम में रखे अपने उत्पाद गुरुवार शाम को वापस उठा लिए। उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान में हनुमानगढ़ के मजदूरों व किसानों ने रिलायंस कंपनी का गोदाम नहीं चलने दिया। यह किसानों व मजदूरों की ऐतिहासिक जीत है। इस मौके पर सरपंच बलदेव सिंह, आत्मासिंह, अमीर खान आदि मौजूद रहे।
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