आजादी के 10 साल बाद 1957 में भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजी जाने वाली सबसे पहली फिलम महबूब खान की मदर इंडिया थी। जिसे ऑस्कर के लिए चुना भी गया लेकिन इसे ऑस्कर अवार्ड न मिल सका। भारत को पहला ऑस्कर अवार्ड 1983 में फिल्म गाँधी के लिए मिला। यह अवार्ड भानू अत्थैया को कॉस्टयूम डिजाइनिंग के लिए मिला था। वह ऑस्कर अवार्ड प्राप्त करने वाली भारत की पहली नागरिक और पहली महिला हैं।
ऑस्करर अवार्ड पाने वाले पहले भारतीय सत्यजीत रे थे। उन्होंने ने अपना कैरियर चित्रकार के रूप में शुरू किया। फ्रांसीसी फिल्म निर्देशक जाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फिल्म लाद्री दी बिसिक्लेत देखने के बाद उनकी रूचि निर्देशन में जागी और उन्होंने फिल्मों का निर्देशन शुरू किया फिल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। आगे चल कर इसी की बदौलत उनको यह पुरस्कार मिला। लेकिन या पुरस्कार किसी फिल्म के लिए नहीं बल्कि उनके द्वारा बनायीं गयी फिल्मों के और फिल्म जगत में उनके योगदान के लिए दिया गया था। भारतीय फिल्म जगत में किसी भी भारतीय को मिला यह एक विशेष प्रकार का सम्मान था। जिसे ऑस्कर के रूप में भारत को सत्यजीत रे के जरिये मिला। सबसे ज्यादा ऑस्कर पाने वाले भारतीय हैं ए. आर. रहमान। इन्हें स्लमडॉग मिलियनेयर में सर्वश्रेष्ठ गीत और सर्वश्रेष्ठ संगीत के लिए ऑस्कर अवार्ड मिला। ऑस्कर अवार्ड के लिए अब तक 50 से ज्यादा फिल्मों को भेजा जा चुका है। इनमें 9 तमिल, 3 मराठी, 2 बंगाली, 2 मलयालम, 1 तेलेगु और एक गुजरती फिल्म हैं। जिनमें से 3 फिल्में ऑस्कर के लिए नामांकित हुयीं लेकिन ऑस्कर न जीत सकीं। वहीं भारत अब 2 फिल्मों से अब तक 4 ऑस्कर जीत चुका है।
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