तहसील कार्यालय और नगर पालिका कार्यालय के चक्कर लगा रहे क्षेत्र के लोग
सच कहूँ/अशोक राणा कलायत। सरकार ने तहसीलों में नए साफ्टवेयर क्या लागू किए हैं इसने आम लोगों की नींद उड़ा दी है। खासकर पारिवारिक प्रॉपर्टी का हस्तांतरण रुक गया है। नगर पालिका के बिना रजिस्ट्री प्रॉपर्टी आईडी नहीं बना रहा है। जब तक प्रॉपर्टी आईडी नहीं बनेगी, तब तक तहसील में रजिस्ट्री के लिए ई-टोकन नहीं बनेगा। इन हालात में परेशान होकर शहर व आसपास के ग्रामीण घर वापस लौट रहे हैं। कलायत तहसील कार्यालय में हर दिन लगभग 15 से 20 तक रजिस्ट्री होती थी लेकिन सरकार ने 17 अगस्त से नया साफ्टवेयर लागू किया है।
नए नियमों के तहत नगर पालिका व जिला नगर योजनाकार विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य है। अगर एनओसी नहीं ली गई तो ऑनलाइन ई-टोकन नहीं मिलेगा। बिना ई-टोकन रजिस्ट्री नहीं हो सकती। इस नियम के तहत सबसे ज्यादा पारिवारिक प्रॉपर्टी हस्तांतरण के मामले अटक गए हैं। लंबे समय से कस्बा कलायत में ऑनलाइन प्रॉपर्टी आईडी न बनने के कारण प्लाटों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही। रजिस्ट्री न होने से स्थानीय व क्षेत्र के लोगों में सरकार व प्रशासन के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को स्थानीय निवासियों के अलावा दूरदराज से आए लोगों ने प्लाटों की रजिस्ट्री न होने पर रोष जताया।
ऑनलाइन प्रॉपर्टी आईडी जरूरी
रमेश कुमार, मौण, पिंकी राणा, मैहर भट्ट, राजेश राणा, अनिल राठी, छोटा पंडित व दूसरे लोगों ने बताया कि जरूरत के अनुसार कुछ लोगों द्वारा अपने प्लाट बेचे हुए हैं तो कुछ लोगों द्वारा मकान आदि बनवाने के लिए प्लाट खरीदे हुए हैं। सरकार द्वारा प्लाटों की रजिस्ट्री करवाने के लिए ऑनलाइन प्रॉपर्टी आईडी जरूरी कर दी गई है। प्रॉपर्टी आईडी बनवाने के लिए वे लंबे समय से तहसील व नगरपालिका कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी प्रॉपर्टी आईडी नहीं बन पाई है। उन्होंने जिला उपायुक्त से रजिस्ट्री के लिए जरूरी आॅनलाइन प्रॉपर्टी आईडी मैं आ रही समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग की है।
प्रापर्टी आईडी को लेकर पालिका प्रशासन सजग: सचिव
पालिका सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि प्रापर्टी आईडी को लेकर पालिका प्रशासन सजग है तथा साफ्टवेयर में दिक्कत के कारण प्रापर्टी आईडी नहीं बन पा रही। सोमवार तक समाधान करवा दिया जाएगा।
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