मुंबई (एजेंसी)। RBI Policy Meeting Highlights: रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो हजार रुपये के नोटों (2000 RS NOTE BAN) के बदलने से तंत्र में आई अधिक तरलता को सोखने के लिए बैंकों को इंक्रीमेंटल नकद आरक्षी अनुपात (आईसीआरआर) को 10 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्देश दिया है, जिससे तंत्र से 95 हजार करोड़ रुपये वापस आने की उम्मीद है। RBI MPC Meeting
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक बैठक के बाद कहा, ‘हाल के वर्षों में तरलता पर हमारा घोषित रुख अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्र में पर्याप्त तरलता बनाए रखना है। वहीं, दूसरी ओर अत्यधिक तरलता मूल्य स्थिरता और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। इसलिए, कुशल तरलता प्रबंधन के लिए अधिशेष तरलता के स्तर के निरंतर मूल्यांकन की आवश्यकता होती है ताकि अत्यधिक तरलता को सोखने के लिए आवश्यक होने पर अतिरिक्त उपाय किए जा सकें। RBI MPC Meeting
इन परिस्थितियों के आलोक में यह निर्णय लिया गया है कि 12 अगस्त, 2023 से शुरू होने वाले पखवाड़े से अनुसूचित बैंक 19 मई से 28 जुलाई 2023 के बीच अपनी शुद्ध मांग और ससमय देनदारियों (एनडीटीएल) में वृद्धि पर 10 प्रतिशत का आईसीआरआर बनाए रखेंगे। इस उपाय का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में 2000 रुपये के नोटों की वापसी सहित पहले विभिन्न कारकों द्वारा उत्पन्न अधिशेष तरलता को सोखना है।
दास ने कहा कि तरलता की अधिकता के प्रबंधन के लिए यह पूरी तरह से एक अस्थायी उपाय है। इस अस्थायी रोक के बाद भी अर्थव्यवस्था की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तंत्र में पर्याप्त तरलता बनी रहेगी। हालांकि सोखी गई धनराशि को त्योहारी सीजन से पहले बैंकिंग प्रणाली में वापस करने की दृष्टि से आई-सीआरआर की समीक्षा 08 सितंबर, 2023 या उससे पहले की जाएगी। वहीं, सीआरआर 4.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगा।
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