नीतिगत दरें यथावत, किस्तों में नहीं होगी वृद्धि
मुंबई (एजेंसी)।2000 Rupees Notes: अलनीनो के प्रभाव से मानूसन के प्रभावित होने के जोखिम पर नजर लगाते हुये महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने आज नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया, जिससे आम लोगों के घर, कार और अन्य प्रकार के ऋणों की किस्तों में बढोतरी नहीं होगी। समिति ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है। RBI
चालू वित्त वर्ष में समिति की पहली तीन दिवसीय बैठक के बाद आज जारी बयान में यह घोषणा की गयी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा करते हुये कहा कि पिछले वर्ष मई से अब तक रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की बढोतरी की जा चुकी है। फिलहाल इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है लेकिन नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने के बीच समिति ने समयोजन वाले रूख से पीछे हटने का निर्णय लिया है।
समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढोतरी नहीं होगी। रेपो दर 6.5 प्रतिशत, स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत, वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत है। RBI
दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर के 7.2 प्रतिशत पर रहना भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र की वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के बीच सशक्त और मजबूत होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती है। RBI
2 हजार के नोट पर आई बड़ी जानकारी | RBI
2 हजार के नोट पर आरबीआई ने बड़ी जानकारी दी है रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिदास ने बताया कि अब तक 1.18 लाख करोड़ नोट वापस आए है। शुरूआती आंकलन के अनुसार, 85 प्रतिश 2 हजार के नोट बैंकों के खातों आ रहे हैं। शक्तिदास ने ये भी कहा कि 500 के नोट को वापस लेने का विचार नहीं, न ही 1,000 का नोट वापस लाया जाएगा। लोगों से अनुरोध है कि वे इसको लेकर अटकलें नहीं लगाएं। दो हजार रुपये के नोट की वापसी की घोषणा 19 मई को की गई थी।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पूरा ध्यान महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में लाने का है। हालांकि चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रह सकती है। पहली तिमाही में यह 4.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि मई 2022 से नीतिगत दरों में की गयी 2.5 प्रतिशत की बढोतरी का इच्छित परिणाम मिल रहा है। समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर रखने का निर्णय लिया है।
दास ने कहा कि यह निर्णय खुदरा महंगाई को रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के दायरे में रखने के लक्ष्य के अनुरूप लिया गया है। यह निर्णय विकास को गति देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक महंगाई और विकास पर करीबी नजर रखे हुये है। खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उथल-पुथल एवं भूराजनैतिक स्थिति के कारण आयातित महंगाई बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। यदि अलनीनो से मानसून प्रभावित नहीं होता है तो चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.1 प्रतिशत पर रह सकती है।
मौद्रिक नीति की मुख्य बातें | RBI
- रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर यथावत
- स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत पर स्थिर
- मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत पर यथावत
- बैंक दर 6.75 प्रतिशत स्थिर
- फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत बरकरार
- नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत पर
- वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत
- चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया
- पहली तिमाही में जीडीपी 8 प्रतिशत रह सकता है
- दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.0 प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती
- मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.2 प्रतिशत रही
- चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
- पहली तिमाही में खुदरा महंगाई 4.6 प्रतिशत पर
- दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत पर
- तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.4 प्रतिशत पर
- चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत रह सकती
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 8 से 10 अगस्त 2023 को
- दो हजार की नोटबंदी के बाद, आरबीआई ने लोगों को दिया बड़ा तोहफा