मुंबई (एजेंसी)। अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दर में बढ़ोतरी की गति धीमी रखने के संकेत और चीन में विरोध के बाद कोविड प्रतिबंधों में ढील दिये जाने की उम्मीद में 63 हजार अंक के नये शिखर पर पहुंचा घरेलू शेयर बाजार मुनाफावसूली का शिकार होने के बावजूद बीते सप्ताह 0.92 प्रतिशत की तेजी हासिल करने में कामयाब रहा और अगले सप्ताह रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा के साथ ही विधानसभा चुनाव के नतीजों पर उसकी नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 574.86 अंक यानी 0.92 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 62868.50 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 183.35 अंक अर्थात 0.99 प्रतिशत की छलांग लगाकर 18696.10 अंक पर रहा। समीक्षाधीन सप्ताह बीएसई की दिग्गज कंपनियों से कहीं अधिक मझौली और छोटी कंपनियों में तेजी रही, जिससे बाजार को बल मिला। इस दौरान मिडकैप 726.02 अंक यानी 2.84 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर 26321.65 अंक और स्मॉलकैप 710.1 अंक अर्थात 2.43 प्रतिशत की उड़ान भरकर 29911.73 अंक पर पहुंच गया। विश्लेषकों के अनुसार, पिछले सप्ताह निफ्टी, सेंसेक्स और बैंक निफ्टी सभी नई ऊंचाई पर पहुंचे लेकिन ऊंचे भाव पर कुछ मुनाफावसूली भी हुई।
घरेलू शेयर बाजार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और अब वैश्विक संकेत भी साथ दे रहे हैं। अच्छी खबर यह है कि सुस्त व्यापक बाजार में सुधार होने शुरू हो गये हैं। वैश्विक संकेतों से अस्थिरता बनी रहती है लेकिन अगले सप्ताह बाजार का ध्यान आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा और राज्यों के चुनाव परिणामों जैसे घरेलू संकेतों पर केंद्रित होगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक के परिणाम 07 दिसंबर को आने हैं। वहीं, गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 08 दिसंबर को आएंगे। अगले सप्ताह इन कारकों का असर बाजार पर दिखाई देगा।
भारत को कच्चे तेल की कम कीमतों का भी लाभ
वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में तेजी से गिरावट आई है और बाजार यहां से उनकी चाल पर नजर रखेंगे। भारत को कच्चे तेल की कम कीमतों का भी लाभ मिल रहा है, जो डॉलर सूचकांक में गिरावट के बावजूद नहीं बढ़ा। दिसंबर में विदेशी संस्थागत निवेश का प्रवाह सुस्त रह सकता है। इनका असर भी बाजार पर रहेगा। बीते सप्ताह बाजार में चार दिन तेजी और एक दिन गिरावट पर रहा। कोविड प्रतिबंधों को लेकर चीन में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन से वैश्विक बाजार में आई गिरावट के बावजूद स्थानीय स्तर पर रिलायंस के शेयरों में करीब साढ़े तीन प्रतिशत की उछाल की बदौलत सोमवार को सेंसेक्स 211.16 अंक मजबूत होकर 62504.80 अंक और निफ्टी 50 अंक की बढ़त लेकर 18562.75 अंक पर पहुंच गया।
चीन में विरोध प्रदर्शन के बाद कोविड प्रतिबंधों में ढील दिये जाने की उम्मीद से एशियाई बाजारों में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी सहित ग्यारह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 177.04 अंक की तेजी लेकर 62681.84 अंक के सार्वकालिक नये स्तर पर और निफ्टी 55.30 अंक चढ़कर 18618.05 अंक पर पहुंच गया।
सेंसेक्स 415.69 अंक की गिरावट
अमेरिकी फेड रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के होने वाले वक्तव्य में अर्थव्यवस्था को लेकर शुभ संकेत मिलने की उम्मीद में वैश्विक बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की अंतिम समय में हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 417.81 अंक की उड़ान भरकर पहली बार 63 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 63099.65 अंक और निफ्टी 140.30 की तेजी लेकर अबतक के रिकॉर्ड 18758.35 अंक पर पहुंच गया। अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दर में बढ़ोतरी की गति धीमी रखने के संकेत से वैश्विक बाजार में आई तेजी की बदौलत स्थानीय स्तर पर आईटी, धातु, रियल्टी, टेक और कमोडिटीज समेत बारह समूहों में हुई लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 184.54 अंक की उछाल लेकर 63284.19 अंक के नये शिखर और निफ्टी 54.15 अंक की बढ़त लेकर 18812.50 अंक पर पहुंच गया।
वहीं, वैश्विक बाजार की गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर एमएमसीजी, आईटी, यूटिलिटीज, आॅटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, टेक और पावर समेत ग्यारह समूहों में हुई बिकवाली से शुक्रवार को शेयर बाजार की पिछले लगातार छह दिन की तेजी थम गई। सेंसेक्स 415.69 अंक की गिरावट लेकर 62868.50 अंक और निफ्टी 116.40 अंक अर्थात 0.62 प्रतिशत लुढ़ककर 18696.10 अंक पर आ गया।
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