हरियाणवी संस्कृति की विधाओं को कलाकारों ने मंच पर किया प्रस्तुत
-नसीरा, आल्हा, सवैया, चमौला, कडा, सोहणी, काफिया, साक्का, झूलणा की प्रस्तुति
सच कहूँ/देवीलाल बारना
कुरुक्षेत्र। रत्नावली समारोह (Ratnavali festival Kurukshetra) में हरियाणा की लुप्त हो चली गायन शैलियों का डॉक्यूमेंटेशन किया गया, इसके लिए लोक पारंपरिक गायक के रूप में सूरज बेदी, इन्द्र लांबा, राममेहर, निरंजन दास ने 32 से अधिक गायन शैलियों के मंच पर प्रस्तुत कर हरियाणवी संस्कृति की विधाओं को प्रस्तुत किया। रत्नावली समारोह के तीसरे दिन हरियाणा की लोक पारंपरिक गायन शैलियों का प्रोग्राम रात 11 बजे तक चला, जिसमें अलग-अलग प्रकार की गायन शैलियों को गाकर मंच पर प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग का प्रयास हरियाणवी संस्कृति का विकास के माध्यम से हरियाणा की लुप्तप्राय गायन शैलियों को मंच पर प्रस्तुत किया गया।
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इन गायन शैलियो में निरंजन दास ने विश्वविद्यालय के मंच पर सोहणी, सराफा, सवैया, खयाल, कड़ा, चमौला, अलबखश, काफिया, साक्का, झूलणा को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गायन शैलियों में धनपत सिंह के सांग में गायन कर चुके राममेहर सिंह ने नसीरा, सरस्वती, आल्हा, सोरठा, राधेश्याम, रागनी, डोला, अली बख्श का गायन कर सबका मन मोह लिया। डॉ. पूनिया ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रसिद्ध सांगी सूरज बेदी ने गंगा स्तुति, शिव स्तुति, देव स्तुति, चौपाई, बहरे तबील, चमौला, दोहा का गायन कर वाहवाही लूटी। इसके अतिरिक्त इन्द्र सिंह लांबा ने उलटबासी, दौड, सरस्वती, साक्का गाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
हरियाणवी रागनी कार्यक्रम में दर्शकों का उमड़ा हुजूम | Ratnavali festival Kurukshetra
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित रत्नावली समारोह में प्रीति चौधरी, विकास पासोरिया, अमित मलिक व रमेश कलावड़िया ने अपने रागनियों की प्रस्तुति से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। रागनी के कार्यक्रम को सुनने के लिए दर्शकों का खूब हुजूम उमड़ा। विश्वविद्यालय के ओपन एयर थियेटर में रागनी गायकों ने अलग किस्सों की रागनियां सुनाकर सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर रागनी कंपटीशन स्वरूप में उपरातली की रागनी, रंगकाट रागनी, ड्यूट रागनी की प्रस्तुति दर्शकों को खूब भाई। प्रीति चौधरी, विकास पासोरिया, अमित मलिक व रमेश कलावडिया ने घंटों दर्शकों का मनोरंजन कर हरियाणा की संस्कृति के अलग-अलग रंग बिखेरकर हरियाणा के लोक पारंपरिक गायकी के अलग-अलग स्वरूप प्रस्तुत कर कार्यक्रम में खूब रंग जमाये।
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