कारगिल शहीद दिवस: मानसा के गांव घुरकानी का रहने वाला था रशविंदर
- कहा-सरकार रशविंदर सिंह के नाम पर स्कूल को अपग्रेड करे
मानसा (सच कहूँ/सुखजीत मान)। Kargil Vijay Diwas: भारत और पाकिस्तान के बीच मई 1999 में शुरू हुए कारगिल युद्ध में भारत के शूरवीरों ने अपनी जान कुर्बान कर पाकिस्तान पर जीत हासिल की। इन्हीं शूरवीरों की याद में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। देश के लिए मर-मिटने वाले शूरवीरों के परिवारों के हालात क्या हैं और इस संबंधी एक शहीद के परिवार के साथ विशेष बातचीत की गई। परिवार आज भी अपने शूरवीर पुत्रों पर गर्व महसूस कर रहा है। Mansa News
1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में शहीद होने वालों में मानसा जिले के एक गांव घुरकानी के रशविंदर सिंह का नाम भी शामिल था। शहीद की माता अमरजीत कौर और पिता हरचरण सिंह ने बताया के रशविंदर सिंह को सेना में भर्ती होने का जुनून था। वह 18 वर्ष की आयु में ही सेना में भर्ती हो गया था। उनके परिजनों ने बताया कि वह छुट्टी लेकर घर आया हुआ था और युद्ध लगने की सूचना मिलते ही वापिस ड्यूटी पर लौट गया था। अचानक कुछ दिन बाद उन्हें फोन पर सूचना दी गई कि वे रशविंदर को चोट लगी है और घर वापिस लेकर आ रहे हैं लेकिन जब घर पहुंचे तो पता चला कि रशविन्द्र शहीद हो गया।
बेटे की बदौलत मिल रहा सम्मान: माता-पिता | Mansa News
शहीद रशविन्द्र सिंह के माता-पिता आज भी उनके शहीद होने पर गर्व महसूस करते हैं। उनका कहना है कि आज भी उन्हें बेटे की बदौलत मान-सम्मान मिल रहा है और कारगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि गांव में रशविंदर सिंह की प्रतिमा भी स्थापित की गई और अब इस सरकार द्वारा गांव में रशविंदर सिंह के नाम पर एक गेट बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से केवल यही मांग रहे हैं कि रशविंदर सिंह के नाम पर गांव में स्कूल को अपग्रेड किया जाए या फिर उनके स्कूल में प्राइमरी हेल्थ सेंटर बनाया जाए। Mansa News
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