…तो राव इंद्रजीत को पता लग गया, जनता में उनके प्रति जहर भरा है

Rao Inderjeet Singh

-चुनावी सभा में इंद्रजीत बोले, अपना जहर एमएलए, मेयर के चुनाव में निकाल लेना

  • -जनता के सवालों से हिलने लगी राव इंद्रजीत की राजनीतिक जड़ें
  • -जब डूंडाहेड़ा के ग्रामीणों ने मांग उठाई तो इंद्रजीत तिलमिलाए
  • -बादशाहपुर विधानसभा के गांव डूंडाहेड़ा में इंद्रजीत का खुलकर विरोध
  • -बोले, गांव में बुला के बेइज्जत करते हो इस तरह से
  • -चुनाव जीतकर जनता से दूर रहने का खामियाजा भुगत रहे इंद्रजीत

सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। (Rao Inderjeet Singh ) गुरुग्रमा लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी के सामने जमीनी हकीकत सामने आनी शुरू हो गयी है। वैसे तो वे घर बैठकर चुनाव जीतने की बात करते हैं, लेकिन जनता से जुड़ना जरूरी समझकर वे जनता के बीच जा रहे हैं। उन पर आरोप लगते रहे हैं कि वे चुनाव जीतकर जनता से दूर हो जाते हैं। फिर चार साल बाद नजर आते हैं। अब शायद जनता जागरुक हो गई है और सीधे उनसे ही जवाब मांगने लगी है। यहां जब जनता के बीच किसी ने आवाज उठायी तो राव इंद्रजीत ने इस चुनाव को देश से जोड़कर नसीहत देने का प्रयास किया।

साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि इस तरह की बात, इस तरह का जहर विधानसभा, मेयर, कॉपरेटिव चुनाव में निकालना। जनता के बीच यह बात हमेशा ही चर्चा में रहती है कि राव इंद्रजीत सिंह चुनाव जीतने के बाद सदा जनता से दूरी बनाये रखते हैं। जितने करीब वे आज जनता के आ रहे हैं, अगर यह करीबी पूरे कार्यकाल में रखें तो जनता उन्हें खुद समर्थन दे। अगर कोई नेता ऐसा नहीं कर पाता तो कभी न कभी जनता से भी विरोध के स्वर मुखर होने लाजिमी हैं। आपको बता दें कि दो दिन पहले गुरुग्राम लोकसभा के रेवाड़ी जिला के विधानसभा बावल में पंचायत ने राव इंद्रजीत सिंह की खिलाफत की।

जनसभा में लाल हो उठे राव इंद्रजीत

अब मंगलवार को गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव डूंडाहेड़ा में एक चुनावी सभा में बीजेपी प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह अपना भाषण दे रहे थे। इसी बीच एक व्यक्ति ने कहा कि अपनी समस्या बतानी है हमें। इस पर इंद्रजीत समर्थक ने कहा कि बाद में बताइये। इसके बाद भी जब वह व्यक्ति चुप नहीं हुआ तो भाषण दे रहे राव इंद्रजीत तिलमिलाये और गुस्से से बोले कि सुण ल्यूंगा तेरी बी। वे यहीं पर चुप नहीं हुये और फिर बोले कि-गांव में बुला के बेइज्जत करते हो इस तरह से। इसके बाद कहा कि ये देश का इलेक्शन है।

मेरे प्रति भी आप वोट नहीं डालना चाहो, लेकिन देश के लिए इस चीज का हर्जाना नहीं देना चाहिए। अगर पर्सनल किसी की भी बात हो, आगे मेयर का चुनाव होगा, एमएलए का चुनाव होगा, कॉ-आॅपरेटिव का चुनाव होगा, तब अपनी समस्या उठाना। तब अपना जहर निकाल लेना। लेकिन देश को इसकी सजा नहीं देनी चाहिये। इस कार्यक्रम में जिस तरह से राव इंद्रजीत से सवाल पूछने का प्रयास किया गया और इंद्रजीत तिलमिलाये, उससे साफ है कि उनसे जो नाराजगी दिलों में थी अब वे जुबान पर आने लगी है।

तो बढ़ रही है राजा-प्रजा के दिलों में दूरी

शायद अब वह दिन बीत गये जब एक राजा बोलता था और प्रजा सुनती थी। आज राजा जब बोलता है तो प्रजा बीच में ही सवाल करने लगी है। खुद को राजा और जनता को प्रजा के रूप में देखने वाले गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह के गुरूर को इन सब बातों से अब झटका लग रहा है। सत्ता में होते हुये वे जनता के हित की बातें तो बड़ी-बड़ी कर देते हैं, लेकिन जनता का कोई खास हित नहीं कर पाये। ये मुद्दे जनता के बीच खूब चर्चित रहे हैं। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन योजनाओं में राव इंद्रजीत सिंह सांसद बनते आ रहे हैं।

दो बार वे कांगे्रस की टिकट से और फिर तीसरी बार 2014 के चुनाव में मोदी लहर में वे बीजेपी की टिकट पर सांसद बने। अब फिर से वे बीजेपी की टिकट पर गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से ही चुनाव मैदान में हैं। अहीरवाल में इदं्रजीत के सामने अभी तक कोई सामान्य वर्ग से मजबूत नेता नहीं था, इसलिए वे सामान्य के साथ मुस्लिम वोटों में भी सेंध लगाते थे और जीत दर्ज कर लेते थे। अब उनके सामने कांगे्रस के उम्मीदवार लगातार 30 साल तक रेवाड़ी से विधायक रहे कांग्रेस से कैप्टन अजय यादव हैं। मुस्लिम बाहुल मेवात में मतदाता राव इंद्रजीत से नाराज हैं। इन वोटों का धु्रवीकरण होकर सीधे कांग्रेस की तरफ जाने की उम्मीद है। यह फैक्टर इंद्रजीत को कमजोर बनाता है।

जजपा से कांग्रेस में आये इलियास, इंद्रजीत की बढ़ी मुश्किल

गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से बेशक जजपा को झटका दे पूर्व मंत्री मोहम्मद इलियास कांग्रेस में शामिल हो गये हों, लेकिन इससे बीजेपी को झटका लगा है। सीधे तौर पर बीजेपी प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह की इससे मुश्किलें बढ़ी हैं। मेवात के काठपुरी परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मंत्री व जजपा नेता मोहम्मद इलियास अपने क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रखते हैं। उनके कांग्रेस में आने से कैप्टन अजय यादव को मजबूती मिली है। अपनी जीत पक्की मानकर चल रहे बीजेपी के राव इंद्रजीत के सामने अब कैप्टन अजय यादव मजबूती के साथ आ खड़े हुये हैं। इसके साथ ही मेवात के विधायक नसीम अहमद भी जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। इसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओ का मन टटोल लिया है और सभी कार्यकर्ताओं ने इस बात पर मुहर लगा दी है।

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