सबदिल-जसबीर के नाम को लेकर अदालत का सवाल: यदि चश्मदीद गवाह गोली मारने वालों को पहले से जानता था, तो एफआईआर में क्यों नहीं था नाम
चंडीगढ़(सच कहूँ/अश्वनी चावला)। पंचकूला की सीबीआई अदालत में चल रहे रणजीत सिंह हत्या मामले में एक बार फिर से सीबीआई माननीय अदालत के सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। माननीय अदालत ने सीबीआई की दलीलों को लेकर कई सवाल भी किए। माननीय अदालत ने पूछा कि यदि हत्या से कुछ दिन पूर्व रणजीत सिंह को मुख्य गवाह जोगिन्द्र सिंह के सामने सबदिल और जसबीर ने जान से मारने की धमकी दी थी, फिर भी एफआईआर में सबदिल और जसबीर सिंह का नाम क्यों दर्ज नहीं करवाया? यह कैसे हो सकता है? इस सवाल का संतोषजनक जवाब सीबीआई माननीय अदालत को नहीं दे सकी, जिसके बाद अदालत ने मामले की कार्रवाई के लिए अगली तारीख 23 अप्रैल तय कर दी है।
पहले गांव की निजी रंजिश का हुआ था मामला दर्ज, बाद में कैसे आया सबदिल-जसबीर का नाम
बचाव पक्ष के वरिष्ठ वकील एनपीएस वड़ैच द्वारा बहस की गई। इस मामले में मृतक रणजीत के पिता जोगिन्द्र सिंह को सीबीआई ने मुख्य गवाह बनाया हुआ है और जोगिन्द्र सिंह का कहना है कि वह हत्या उनके सामने हुई है और वह दोषियों को पहचान सकते हैं। जोगिन्द्र सिंह के अनुसार उसे उनके पुत्र रणजीत सिंह ने बताया कि 16 जून 2002 को उसे आश्रम में बुलाया गया था, जहां उसे कथित धमकाया जाता है कि तूं माफी मांग ले नहीं तो तुझे जान से मार दिया जाएगा।
इसके बाद 26 जून 2002 को सबदिल और जसबीर सिंह उनके घर आते हैं और जोगिन्द्र सिंह के सामने रणजीत सिंह को धमकियां देते हैं कि वह माफी मांग ले नहीं तो उसे जान से मार दिया जाएगा। 6 जुलाई 2002 को एक बार फिर से सबदिल और जसबीर सिंह जान से मारने की धमकी रणजीत सिंह को देते हैं। इसके बाद 10 जुलाई 2002 को सबदिल और जसबीर सिंह उसके सामने रणजीत सिंह की हत्या कर देते हैं।
धमकियां जोगिन्द्र सिंह के सामने मिली तो 44 दिन बाद क्यों लिए गए नाम
इस सारी कहानी को लेकर माननीय अदालत ने सवाल किया है कि यदि सबकुछ जोगिन्द्र सिंह के सामने हुआ तो फिर एफआईआर में सबदिल और जसबीर का नाम क्यों नहीं आया। यह भी बहस हुई कि कम से कम एफआईआर में यह तो आता कि यह वही व्यक्ति थे, जो 26 जून को उसके लड़के को धमकाकर गए थे। जिसका सीबीआई के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था।
गौरतलब है कि एफआईआर के अनुसार जोगिन्द्र सिंह द्वारा पहले यह ब्यान दिया गया था कि उनके गांव में राम कुमार सरपंच और राज सिंह मलिक नामक व्यक्तियों के साथ निजी रंजिश चलती आ रही थी और उन्होंने इस रंजिश के चलते रणजीत सिंह की हत्या करवाई है। इस एफआईआर के दर्ज होने के 44 दिन बाद एफआईआर में दर्ज प्राथमिक जानकारी से उलट सबदिल और जसबीर सिंह पर हत्या करने के आरोप लगा दिए जाते हैं।
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