बच्चों का भाषा में धारा प्रवाह बढ़ाने के लिए स्कूलों में होगा रामलीला का मंचन
- 15 अक्तूबर तक होगा आयोजन, दिए जाएंगे टिप्स | Haryana News
- बच्चों को आयु के हिसाब से दिए जाएंगे पात्र और संवाद | Haryana News
भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। अब शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों (School) में पढ़ने वाले बच्चों की झिझक खत्म करने की नई युक्ति निकाली है। बच्चों को किसी भी टॉपिक पर धारा प्रवाह बोलने में सक्षम बनाने के लिए प्रत्येक स्कूल में रामलीला का मंचन का आयोजन होगा। इस रामलीला में बच्चे ही कलाकार के तौर पर शामिल होंगे। बच्चों को उनकी क्लास के हिसाब से रामलीला के मंचन टॉपिक दिए जाएंगे। बड़े बच्चों को बड़े तो छोटों को छोटे टॉपिक दिए जाएंगे, ताकि वे आसानी से उनको याद कर सकें। इसी क्रम में भिवानी जिले के गांव सूई के राजकीय संस्कृति मॉडल स्कूल में स्कूली बच्चों ने रामलीला के मंचन की रिहर्सल की और रामलीला के मंचन करने का अभ्यास किया। Haryana News
शिक्षा विभाग ने पाँच अक्तूबर से लेकर 15 अक्तूबर तक जिले के प्रत्येक स्कूल में रामलीला के मंचन का आयोजन कराए जाने के निर्देश दिए हैं। भेजे गए निर्देशों में बताया गया कि वे बच्चों को रामलीला के मंचन का अभ्यास करवाएं। बच्चों को रामायण के किसी भी टॉपिक पर धारा प्रवाह में बोले जाने का प्रयास करवाएं। बच्चा अपने आप खड़ा होकर रामायण के उस टॉपिक पर मर्जी से बिना किसी झिझक के श्रोताओं के समक्ष बोले। प्राइमरी स्कूल में पांचवीं तो अन्य स्कूलों में बड़ी कक्षाओं के बच्चों को भी शामिल किया जा सकेगा।
शिक्षा के साथ खत्म होगी बोलने में झिझक | Haryana News
बच्चों में आत्म विश्वास कायम करने तथा उनके अंदर की झिझक को खत्म करने के मकसद से शिक्षा विभाग ने प्रत्येक स्कूल में रामलीला का मंचन कराए जाने का फैसला लिया है। रिहर्सल के दौरान बच्चों को किस तरह से रामायाण के टॉपिक को बोलना और उससे पहले याद करने के बारे में जानकारी दी गई। स्कूल में पांचवीं कक्षा के बच्चों को राम, लक्ष्मण, सीता, भरत, शत्रुघ्न आदि के रूप में बाल कलाकारों को तैयार किया गया। उनको यह भी बताया गया कि किस वक्त किस बाल कलाकार को रामायाण के टॉपिक पर बोलना है। करीब दो से तीन घंटे तक बच्चों की स्कूल में रिहर्सल चली।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी नरेश कुमार मेहता ने बताया कि जिले के सभी स्कूलों में रामलीला के मंचन का आयोजन कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को किसी भी टॉपिक पर धारा प्रवाह में बोलना सिखाया जाएगा। ताकि उनमें आत्म विश्वास की बढ़ोत्तरी हो सकेगी। साथ ही उन्होंने बताया कि पहले से ही शिक्षा विभाग ने निपुण कार्यक्रम चलाया हुआ है। ताकि बच्चों को हर फिल्ड में निपुण किया जा सके।
शिक्षकों ने भी सराहा फैसला | Haryana News
वहीं स्कूल के शिक्षक भी सरकार के इस फैसले को सराह रहे हैं। शिक्षिका सुनीता व सुनीता सांगवान ने बताया कि इस तरह के फैसले काफी उपयोगी साबित होंगे। बच्चे में धारा परवाह बढ़ेगा। बच्चों में झिझक खत्म होगी जिसकी वजह से वे ज्यादा कामयाब भी होंगे।
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