कैराना (सच कहूँ/संदीप इन्सां)। Ramlila: कस्बे के गौशाला भवन में श्री रामलीला महोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। महोत्सव के तीसरे दिन श्रवण लीला का मंचन किया गया, जिसका शुभारंभ श्रीरामलीला कमेटी के उपाध्यक्ष सुशील सिंघल तथा डॉ. सुशील कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि महाराजा दशरथ अपने मंत्री सुमंत और गुरु वशिष्ठ के साथ अपने महल में बैठे है। इसी दौरान श्रवण कुमार महाराज दशरथ से मिलने के लिए आते है। गुरु वशिष्ठ ने उन्हें बताया कि तुम्हारे माता-पिता जन्म से अंधे नहीं है, बल्कि तुम्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें अंधा होना पड़ा था। Kairana News
इस पर श्रवण कुमार बेहद परेशान होते हैं और अपने माता-पिता की आंखों की रोशनी वापस आने का उपाय पूछते है। तब गुरु वशिष्ठ उन्हें बताते हैं कि यदि तुम अपने माता-पिता को चार धाम की यात्रा करा दो तो उनकी आंखों की रोशनी वापस आ जाएगी। श्रवण कुमार अपने माता-पिता को चार धाम यात्रा कराने के लिए तैयार हो जाते है। इसके बाद श्रवण कुमार अपने बूढ़े मां-बाप को कांवड़ में बैठाकर चार धाम यात्रा के लिए निकल पड़ते है। यात्रा के दौरान श्रवण के माता-पिता को प्यास लगती है, जिस पर वह उन्हें वृक्ष के नीचे बैठाकर सरयू नदी से जल लेने के लिए जाता है। उसी दौरान राजा दशरथ शिकार करने के लिए वन में निकले हुए थे। वह श्रवण कुमार को जंगली जानवर समझकर तीर मार देते है। श्रवण को तीर लगने पर दशरथ बेहद परेशान होते है। Kairana News
वह श्रवण कुमार से उसकी अंतिम इच्छा पूछते है, जिस पर श्रवण कहता है कि आप मेरे बूढ़े मां बाप को पानी पिला दे। इसके साथ ही श्रवण कुमार दम तोड़ देता है। महाराज दशरथ पानी लेकर श्रवण के बूढ़े मां-बाप के पास पहुंचते है और उन्हें सारा वृतांत बताते है। पुत्र वियोग में श्रवण के मां-बाप तड़फकर अपनी जान दे देते है। मरने से पूर्व वह राजा दशरथ को भी पुत्र वियोग में प्राण छोड़ने का श्राप दे देते है। अगले दृश्य में दिखाया गया कि महाराज दशरथ अपने महल में चिंतित अवस्था में बैठे हुए है। वह वंश वृद्धि के लिए तीन रानियों में से किसी एक को भी पुत्र न होने को लेकर परेशान है। इस पर मंत्री सुमंत और गुरु वशिष्ठ कहते कि यदि श्रृंगी ऋषि से हवन कराया जाए तो उन्हें निश्चित रूप से पुत्र प्राप्ति होगी, जिस पर श्रृंगी ऋषि से अयोध्या में हवन कराया जाता है। Kairana News
तभी दशरत की रानी कौशल्या को सपने में विष्णु भगवान दिखाई देते है। वह पुत्र के रूप में आने के बारे में उन्हें सारा वृतांत बताते है। कुछ समय बाद महाराजा दशरथ की तीनों रानियों से चार पुत्र जन्म लेते है। रामलीला में श्रवण कुमार का अभिनय रोहित कुमार, दशरथ का अभिनय ऋषिपाल शेरवाल, गुरु वशिष्ठ का अभिनय डॉ. सुशील कुमार, सुमंत का अभिनय मास्टर अमित कुमार सेन, श्रवण के अंधे मां-बाप का अभिनय सन्नी और सोनू कश्यप ने किया। रामलीला मंचन के दौरान सुंदर सीनरी डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू ने लगाई। Kairana News
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