नई दिल्ली: राज्यसभा इलेक्शन में नोटा (NOTA) ऑप्शन दिए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। गुजरात कांग्रेस की ओर से कपिल सिब्बल ने इस फैसले के खिलाफ पिटीशन फाइल की है। बता दें कि 8 अगस्त को राज्यसभा के लिए वोटिंग होनी है। दूसरी ओर, सरकार के अफसरों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद 2014 में ही राज्यसभा इलेक्शन में नोटा लागू कर दिया था।
कांग्रेस ने EC के पास पहुंची
मंगलवार को कांग्रेस नेता नोटा के इस्तेमाल के खिलाफ इलेक्शन कमीशन के पास गए थे। कांग्रेस ने इसे काॅन्स्टीट्यूशन और इलेक्शन रूल्स के खिलाफ बताया है। बता दें कि गुजरात की तीन सीटों पर इलेक्शन होना है। इसके लिए बीजेपी से अमित शाह, स्मृति ईरानी, बलवंत सिंह राजपूत और कांग्रेस से अहमद पटेल मैदान में हैं। बीजेपी ने राजपूत को अहमद पटेल के खिलाफ उतारा है।
गुजरात कांग्रेस में बगावत और शंकर सिंह वाघेला समेत 7 विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद पटेल की जीत मुश्किल लग रही है। उन्हें जीत के लिए 46 वोट की जरूरत होगी। लेकिन 54 में से अब उसके पास 47 विधायक ही बचे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में भी 11 विधायक क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं।
क्या है इलेक्शन कमीशन का नियम?
ईसी के नियम के मुताबिक, अगर कोई वोटर राज्यसभा इलेक्शन में (MLA) पार्टी के निर्देशों के खिलाफ जाकर किसी कैंडिडेट को वोट देता है या ‘नोटा’ का इस्तेमाल करता है। उसे असेंबली की मेंबरशिप के लिए अयोग्य नहीं ठहरा सकते हैं। वो विधायक रहेगा और उसका वोट भी वैलिड माना जाएगा। लेकिन पार्टी उसके खिलाफ अनुशासन तोड़ने की कार्रवाई कर सकती है, जिसमें पार्टी से निकालना भी शामिल है।
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