मरकर भी इन्सानियत के काम आए राजवीर इन्सां

Rajveer Insan sachkahoon

आँखें दान के साथ शरीर दान का किया महान कार्य

पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूरिया) जीते जी दूसरों के लिए सेवा करते रहना और मरने के बाद भी अपना शरीर दूसरों के नाम पर जाना यही है, सच्ची इंसानियत। इसी का अनुसरण करते हैं डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी।

जिला पानीपत ब्लॉक काबड़ी के बधावा राम कॉलोनी के रहने वाले राजबीर इन्सां भी इनमें शुमार हो गए हैं।

जानकारी के अनुसार राजवीर इन्सां बुधवार अपनी स्वासों रूपी पूंजी पूर्ण करें कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजे। उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनके परिवार वालों ने उनकी आंखें और शरीर दान कर समाज के सम्मुख इन्सानियत की अनुकरणीय मिसाल पेश की।

जानकारी देते हुए ब्लॉक जिम्मेवार राजकुमार ने बताया कि राजबीर इन्सां ने जीते जी ही पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से मृत्यु उपरांत शरीर दान और नेत्रदान करने का प्रण लिया हुआ था। इसी के चलते परिजनों ने उनके नेत्र और शरीर दान किया। राजबीर इन्सां की पार्थिव देह उत्तर प्रदेश के बरेली मेडिकल कॉलेज को दान की गई। वहीं राजवीर इन्सां की आँखें दो अंधेरे जिंदगियों को रोशन करने में सहायक बनेंगी।

जन सेवा दल के सदस्य चिमन गुलाटी ने बताया कि नेत्रदान और शरीर दान से बढ़कर कोई भी दान नहीं हो सकता। मरने के बाद तो हमारा शरीर मिट्टी में मिल जाता है, अगर वही शरीर दूसरों के काम आ सके तो इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं हो सकता। हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि जब तक शरीर में जान है, तब तक दूसरों की सेवा करते रहना चाहिए और मरने के बाद आंखें और शरीरदान करना चाहिए।

इस मौके पर पर जन सेवा दल प्रधान किशन मनचंदा, सचिव चमन गुलाटी, कमल गुलाटी और जन सेवा दल के सभी कार्यकर्ता के साथ ब्लॉक भंगीदास राजकुमार, कॉलोनी भंगीदास दीपक, सोनू 15 मैम्बर, रामकुमार, बलदेव (हनुमान) के साथ परिवार के सदस्य और साध-संगत मौजूद रही।

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