राजस्थान जल संरक्षण में प्रथम

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नीति आयोग ने किया प्रतिवेदन जारी

जयपुर (सच कहूँ न्यज)।

नीति आयोग द्वारा जल संवर्धन, जल संरक्षण, जल स्त्रोतों के पुनर्वास तथा भूगर्भीय जल में बढ़ोतरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यो के लिय राजस्थान को पूरे देश में पहला स्थान दिया गया है। राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन योजना प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे ने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में निर्मित जल संरक्षण संरचनाओं के कारण प्रदेश में जल स्तर से वृद्धि होने के साथ ही सिंचाई क्षमता में भी 81 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।

श्री वेदिरे ने बताया कि रिपोर्ट में अभियान के अन्तर्गत अपनाये गये नवाचारों यथा जिओ टेगिंग एवं ड्रोन द्वारा तीव्र गति से किये गये संर्वेक्षण तथा अभियान में आम जन की सक्रिय भागीदारी को आदर्श बताते हुये अन्य प्रदेशों को भी इसे अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की दूरगामी सोच के कारण गत तीन वर्षों में एमजेएसए में लगभग 4 लाख जल संरक्षण सरंचनाओं का निर्माण किया गया तथा डेढ़ करोड़ पौधारोपण किया गया।

अभियान में हुये जल संरक्षण का परिणाम यह रहा कि अभियान में चयनित क्षेत्रों में प्रदेश में 21 जिलों में भू-जल स्तर में लगभग 5 फुट की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि अभियान में प्रभावित क्षेत्रों में टेंकरों से जल वितरण में भी 56 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग ने राजस्थान में वित्त वर्ष 2015-16 (आधार वर्ष) की तुलना में वर्ष 2016-17 जल स्त्रोतों का पुनर्वास एवं उन्नयन, जल संग्रहण क्षेत्र विकास तथा सहभागी सिंचाई प्रबंधन के क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की प्रशंसा करते हुये अन्य राज्यों में भी इस अभियान का अनुसरण करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान ये।

 

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