अजब-गजब कलेक्शन: कॉस्मेटिक शॉप विक्रेता ने संभालकर रखी पुरानी करंसी
- 1 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक के नोट भी मौजूद | Sirsa News
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। हर इंसान को कोई ना कोई शौक जरूर होता है। कोई गाने का, कोई लिखने का, कोई घूमने का तो कोई फोटोग्राफी (Photography) का शौक रखता है। सच कहूँ आज आपको सरसा के एक ऐसे शख्स से रूबरू करवा रहा है जिन्हें देश की गौरवमयी करेंसी के इतिहास को संजोए रखने का शौक है। इस शख्स का नाम है राजेश जैन, जो पेशे से एक दुकानदार है। इनके पास ब्रिटिश काल के दौरान के पेपर नोट के अलावा उस समय के सिक्के भी हैं। इसके अतिरिक्त सिकंदर के शासनकाल के दौरान के सिक्के भी राजेश के पास मौजूद है। शहर की मोहता मार्केट में छोटू दी हट्टी नाम से उनकी कॉस्मेटिक शॉप है। हालांकि राजेश जैन ने सभी करेंसी बैंक के लॉकर में संभाल के रखी हुई है।
भारत-पाक बंटवारे के बाद छपा नोट भी संभालकर रखा | Sirsa News
राजेश जैन ने बताया कि भारत-पाकिस्तान जब अलग-अलग हुए थे तो उस समय जब जो पहला नोट छपा था, वह भी उसके पास मौजूद है। हिंदुस्तान व पाकिस्तान के बंटवारे के समय जो करंसी बनाई गई थी वो भी उसके पास है। जैन ने आगे बताया कि तिब्बत सरकार ने एक चावल के दाने पर नोट बनाया था, वह भी उसके पास मौजूद है। इसके अलावा गत्ते पर छपी करंसी भी उसके पास संभाली हुई है।
ब्रिटिश, शेरशाह सूरी व नूरजहां के समय के भी हैं सिक्के
राजेश जैन के पास साल 1797 के ब्रिटिश काल के सिक्के, शेरशाह सूरी और नूरजहां के समय के सिक्के भी इनकी कलेक्शन में है। इनके पास 1 रुपये से 1 हजार रुपये तक के अब तक के छपे अधिकतर नोटों की कलेक्शन है।
खास बात तो ये है कि इनके पास 1 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक के 786 नंबर के नोटों की कलेक्शन भी है। राजेश जैन अपने व्यवस्ततम समय से वक्त निकालकर रोजाना अपनी इस कलेक्शन पर काम करते हैं। 200 अलग-अलग देशों के सिक्के, 165 देशों के नोट भी इन्होंने एकत्र किए हैं।
यह करंसी भी मौजूद | Sirsa News
राजेश जैन आगे बताते हैं कि उनके पास मुगल काल, ब्रिटिश काल, राजा महाराजाओं की अलग-अलग रियासतों के सिक्के हैं। इसके अलावा राजा अकबर की 52 टकसालों में से 18 तरह के सिक्के मेरे पास हैं। ब्रिटिश काल के समय के हर मिंट के सिक्के उनके पास हैं। 1835 से लेकर 1990 तक के हर तरह के सिक्के जुटाए हैं।
बचपन में मिला था यूएसए का सिक्का
राजेश जैन ने बताया कि जब वह बच्चा था तो उसे यूएसए का एक सिक्का मिला था। उसे देखने के लिए हम सब दोस्त इकट्ठे हुए। सबको विदेशी सिक्के देखने का क्रेज था। उसके बाद से उन्होंने ये सोच लिया कि क्यों ना अलग-अलग देश की करंसी एकत्रित की जाए। तबसे राजेश जैन देश-विदेश की करंसी एकत्रित करनी शुरू कर दी। मुगल काल और ब्रिटिश काल की करंसी भी एकत्रित करनी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि मेरे दादा जी के पास पुराने समय की करंसी थी। उसकी अलग-अलग करके कलेक्शन शुरू कर दी थी। Sirsa News
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