
Rajasthan: जयपुर (सच कहूं न्यूज)। लाखों राजस्थानियों के लिए राहत की खबर है। अब प्रदेश के मरीज दूसरे राज्य के किसी हॉस्पिटल में फ्री इलाज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (एमएएवाई) में पंजीकृत लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही ‘इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी’ लागू करेगी। इससे देश के अन्य राज्यों में नौकरी कर रहे मूल राजस्थानियों को भी इसका बड़ा फायदा मिलने वाला है। अन्य राज्यों के मरीज भी राजस्थान आकर इस योजना का लाभ ले पाएंगे।
राज्य में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू होने के बाद राजस्थान के रहने वाले लोग दूसरे राज्यों में इलाज करा पाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नई दिल्ली के साथ मिलकर तकनीकी प्रावधान किए जा रहे हैं। इससे राज्य के जन आधार और एमएए योजना में पंजीकृत लोगों का डाटा दूसरे राज्यों और केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं के साथ शेयर हो जाएगा। रीज को दूसरे राज्य में इलाज लेने के लिए अलग से किसी प्रकार के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। अगर कोई राजस्थान का मूल निवासी है तो उसे इलाज जन आधार कार्ड के माध्यम से मुफ्त में हो जाएगा। अलग-अलग राज्यों द्वारा अधिकृत सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज मिल पाएगा।
आप जिस राज्य में हैं और जिस हॉस्पिटल में इलाज करवाना चाहते हैं, उस हॉस्पिटल का राज्य या केंद्र की योजना से अधिकृत होना जरूरी है। अन्य राज्य के मरीज के पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेवाई) कार्ड होना आवश्यक है। योजना में नियमानुसार इमरजेंसी केस में उपचार की व्यवस्था होगी। जनाधार कार्ड या मा योजना की निशुल्क, सशुल्क सभी श्रेणी वाले भी इसका लाभ ले सकेंगे। आगामी दो माह में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद दूसरे राज्य के मरीज भी प्रदेश में आकर इलाज ले पाएंगे। इसी प्रकार आगामी 6 महीने में राजस्थान के नागरिक भी दूसरे राज्य में जाकर मा योजना के तहत इलाज करा सकेंगे। योजना में 9 नए डे-केयर पैकेज शामिल किए गए हैं। इनका लाभ मरीजों को अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से मिलना शुरू हो जाएगा। योजना के तहत पंजीकृत लोगों को 25 लाख तक का ही कवरेज दिया जा रहा है। प्रदेश में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में 1.34 करोड़ परिवार पंजीकृत हैं। योजना में हर रोज औसतन 8200 मरीजों को 9.42 करोड़ राशि का इलाज मिल रहा है ।