5 छात्र हिरासत में लिए गए | Jaipur News
जयुपर। राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रों को छात्रसंघ चुनाव की मांग उस समय महंगी पड़ गई जब पुलिस ने उन पर लाठियाँ भांज दी। राजस्थान में शुक्रवार को छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर छात्र नेता सरकार के खिलाफ एकजुट हुए और प्रदर्शन किया तथा सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ भी किया। बाद में ये छात्र कुलपति सचिवालय में ताला जड़कर जेएलएन रोड पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लेते हुए छात्रों को भगा दिया। Jaipur News
पुलिस की इस लाठीचार्ज में 6 छात्र घायल हो गए हैं तथा 5 छात्र पुलिस हिरासत में लिए गए हैं। चुनावों की मांग को लेकर छात्र नेता सुबह 11 बजे यूनिवर्सिटी के मुख्य दरवाजे पर सरकार की सद्बुद्धि हेतु यज्ञ करने लगे। यज्ञ के 15 मिनट बाद छात्र नेता कुलपति सचिवालय पहुंचे और वहां के मुख्य दरवाजे पर प्रदर्शन करने लगे। वहां आधा घंटा प्रदर्शन किया। जब वहां कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए छात्र दोबारा यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर जाकर प्रदर्शन करने लगे। Rajasthan News
बाद में छात्रों ने जेएलएन मार्ग पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और कुछ देर बाद ही मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझाने की नाकाम कोशिश की लेकिन जब छात्र नहीं मानें तो दोपहर साढ़े बारह बजे पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज करके उन्हें भगा दिया। इस संबंध में एक छात्र नेता महेश चौधरी ने कहा कि पिछल्ले लंबे समय से प्रदेशभर के छात्र चुनावों के इंतजार में हैं लेकिन सरकार का पता नहीं किस इंतजार में है, वो चुनाव की तारीखों की घोषणा ही नहीं कर रही है। इसी को मद्देनजर रखते हुए छात्र शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने बिना कारण ही लाठीचार्ज करके छात्रों को पीटना शुरू कर दिया। Police Lathi Charge On Students
छात्र नेता का कहना है कि इस बदसलूकी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही छात्रसंघ चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की तो राजस्थान की युवा शक्ति बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगी जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी। दूसरे छात्र नेता राहुल चौधरी ने कहा कि वो पिछले 2 सालों से कॉलेजों में चुनाव को लेकर जुटे हुए हैं। लेकिन चुनाव के समय सरकार खुद का सियासी फायदे के लिए छात्रसंघ के चुनाव नहीं करा रही है। उन्होंने कहा कि इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वे पुलिस के डंडों से और ना ही जेल जाने से डरते हैं। छात्र अपनी आखिरी सांस तक छात्र शक्ति के लिए लड़ते रहेंगे।
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