राजस्थान: 1947 में सत्ता के मोह में कांग्रेस ने कई गलतियां की, हम आज भुगत रहे: मोदी

Rajasthan: In 1947, Congress Made Many Mistakes In The Power, We Are Suffering Today: Modi

बंटवारे के वक्त कांग्रेस की गलतियों से करतारपुर पाकिस्तान में चला गया

हनुमानगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां एक चुनावी सभा में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त की (Rajasthan Relly Modi) कांग्रेस की गलतियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि इन्हीं गलतियों में से एक करतारपुर है। गुरुनानक देव की भूमि बंटवारे में पाकिस्तान में चली गई, क्योंकि कांग्रेस ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

मोदी ने कहा कि विभाजन के वक्त अगर कांग्रेस नेताओं में इस बात की थोड़ी भी समझदारी, संवेदशीलता और गंभीरता होती तो तीन किलोमीटर की दूरी पर हमारा करतारपुर हमसे अलग नहीं होता। सत्ता के मोह में कांग्रेस पार्टी ने इतनी गलतियां की हैं जिनको आज पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। मोदी सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में करतारपुर कॉरिडोर बनाने को मंजूरी दी। इसका निर्माण गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा तक किया जाएगा। उधर, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा तक इस कॉरिडोर का निर्माण करेगा।

मोदी ने करतारपुर का जिक्र क्यों किया?

प्रधानमंत्री मोदी ने इस सभा से श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले की 11 सीटों को कवर किया। ये क्षेत्र पंजाब बॉर्डर से जुड़ा है। यहां सिख समुदाय का अच्छा प्रभाव है। 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ तो राजगद्दी में बैठने की इतनी जल्दबाजी थी कि मुसलमानों को इस्लाम के नाम पर अलग देश चाहिए था। उनका एजेंडा साफ था। उस समय के नीति निर्धारकों से गलतियां हुईं। उसी का नतीजा है कि गुरुनानक देव की कर्मभूमि करतारपुर साहब पाकिस्तान में चला गया। आज अगर करतारपुर कॉरिडोर बन रहा है तो इसका क्रेडिट मोदी को नहीं बल्कि देश की जनता के वोट को जाता है।

70 साल तक कांग्रेस सत्ता में रही। लड़ाइयां भी लड़ीं। लाहौर में झंडा फहराने की बात हुई। नानक के चरणों में माथा टेकने का प्रबंध नहीं हुआ। 365 दिन जब कारिडोर बन जाएगा तो कोई भी हिंदुस्तानी आराम से करतारपुर चला जाएगा। माथा टेक कर चला आएगा। यह पूछना चाहिए कि आपको 1947 में करतारपुर हिंदुस्तान में होना चाहिए यह आपको याद क्यों नहीं आया। वह जो भी करके गए मेरे नसीब में ही आया है। इसका क्रेडिट किसको है?

नामदार कहेगा हरी मिर्च की नहीं, लाल मिर्च की खेती करिए

“नामदार झूठ बोलकर किसानों का अपमान करते हैं। इसमें वे माहिर हैं। इस नामदार से कोई कह दे कि हरी मिर्च के किसान को कम पैसा मिलता है और लाल मिर्च के किसान को ज्यादा। तो वे भाषण देंगे कि किसानों को हरी की नहीं लाल मिर्च की खेती करनी चाहिए। पांच साल पहले अखबार में हेडलाइन होती थी- आज कोयले में इतना घोटाला हुआ, 2जी का घोटाला हुआ, पनडुब्बी में घोटाला हुआ, इसने चोरी की, उसने लूट लिया। ऐसी ही खबरें आती थीं। आज सरकार बने चार साल से ज्यादा हो गए हैं। अब ऐसी खबरें नहीं आतींं, देश के पैसों की लूट बंद हो गई।”

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