जयपुर (सच कहूं न्यूज/गुरजंट धालीवाल)। राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) के महानिदेशक उमेश मिश्रा ने सोमवार को क्राइम रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्राइम रेट पर अंकुश लगाने पर राजस्थान पुलिस बेहद सफल रही है। उन्होंने कहा कि एफआईआर अनिवार्य रूप से दर्ज करने के निर्देशों के बाद भले ही थानों में मुकदमों की संख्या बढी हो मगर उनके निस्तारण में भी तेजी आयी है। डीजीपी ने एनसीआरबी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि किसी भी देश या प्रदेश में अपराध पहले भी होते रहे हैं और होते भी रहेंगे, मगर उन पर तत्परता से कार्रवाई करना पुलिस का काम है। Rajasthan Police
इस कार्य को राजस्थान की पुलिस ने पूरी जिम्मेदारी से पूरा किया है। डीजीपी ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों के आंकड़े को लेकर हर एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता को बड़ा कारण बताया है। डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा- एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी साफ लिखा है कि अपराध का पंजीकरण और घटित होना अलग-अलग बातें है। महिला अत्याचार की बढ़ती घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा- रेप के अधिकांश मामलों में पीड़िता के बयान बदलने से मामले आगे नहीं बढ़ पाते हैं। अपराधों के मामले में पुलिस का चालानी प्रतिशत और दोषियों को सजा दिलाने का प्रतिशत बेहतर है। Jaipur News
नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में वर्ष 2019 से 2023 तक की अवधि में 13 प्रकरणों में फांसी, 255 में आजीवन कारावास, 386 में 20 वर्ष की सजा, 936 में अन्य सजा कुल 1590 प्रकरणों में सजा हुई। बलात्कार के प्रकरणों में अनुसंधान में लगने वाला औसत समय वर्ष 2018 में 136 दिन था जो वर्ष 2023 माह जुलाई तक 54 दिन रह गया। महिला अत्याचार के प्रकरणों में अनुसंधान में लगने वाला औसत समय वर्ष 2018 में 113 दिन था जो वर्ष 2023 में 57 दिन रह गया है। Jaipur News
राजस्थान में अवैध हथियार, मादक पदार्थों की तस्करी और गैंगस्टरों को लेकर डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा- राजस्थान पुलिस हार्डकोर बदमाशों पर शिकंजा कसने के लिए अच्छा काम कर रही है। एरिया डोमिनेंस अभियान के जरिए प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाकर बदमाशों के ठिकानों पर दबिश दी गई। 21 हजार से अधिक बदमाशों को गिरफ्तार किया गया। राज्य सरकार की ओर से संगठित अपराधों के खिलाफ बनाया गए कानून से आगे बेहतर परिणाम सामने आएंगे। राजस्थान में अवैध हथियारों और मादक पदार्थों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई की गई है। Rajasthan News
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