जोधपुर (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को और अधिक सम्बल प्रदान करने तथा दुग्ध व्यवसाय से जुड़े पशुपालक परिवारों को खुशहाली प्रदान करने की दिशा में उठाए गए कदमों की बदौलत राज्य श्वेत क्रान्ति की दिशा में अव्वल पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन क्षेत्र के महत्त्व को देखते हुए पहली बार कृषि बजट प्रस्तुत किया। इसमें डेयरी उद्योग को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के अंतर्गत अनुदान राशि को दो रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर पांच रुपये प्रति लीटर करने जैसा अभूतपूर्व कदम उठाया गया।
इस योजना का उद्देश्य यही है कि इसके माध्यम से दुग्ध व्यवसाय से पशुपालकों के घर में खुशहाली आए तथा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान देश का अग्रणी राज्य बने। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के अंतर्गत मार्च माह तक दुग्ध उत्पादकों को दो रुपये प्रति लीटर इंसेन्टिव दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-2023 के लिए इस बार की गई बजट घोषणा में वर्ष 2022-23 के लिये एक अप्रैल से मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में इस इंसेटिव राशि को 2 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 5 रुपए प्रतिलीटर किया गया।
दुग्ध उत्पादकों की वृद्धि
पश्चिमी राजस्थान दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड जोधपुर के प्रबन्ध संचालक सुधीर शर्मा बताते हैं कि मुख्यमंत्री की इस घोषणा से न केवल दुग्ध उत्पादकों की संख्या में वृद्धि हुई है वरन् विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में दुग्ध संकलन कम होने की बजाय स्थिर रहा है। उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादकों की संख्या वर्ष 2021 में 12 हजार 226 से बढ़कर मार्च 2022 में 13 हजार 889 हो गई है। अर्थात लाभान्वितों की संख्या में 1643 सदस्यों.दुग्ध उत्पादकों की वृद्धि हुई है।
यह इस योजना की सफलता का प्रत्यक्ष संकेत है। दुग्ध उत्पादकों को योजना के आरंभ से ही इस योजना का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में भिजवाया जा रहा है। प्रबन्ध संचालक के अनुसार वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के दौरान मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में कुल भुगतान क्रमश: चार करोड़ 89 लाख 79 हजार 154 रुपए एवं पांच करोड़ 28 लाख 32 हजार 456 रुपए किया गया है। मुख्यमंत्री सम्बल योजना के माध्यम से प्रदेश के पशुपालकों को दुग्ध व्यवसाय के माध्यम से खुशहाली की बुनियाद को मजबूत करने के लिए दुग्ध उत्पादन से जुड़े पशुपालक उत्साहित हैं।
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