जयपुर, (वार्ता) Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज जाने के बाद आगामी 23 नवंबर को होने वाले इस चुनाव की सरगर्मिया अब और तेज होने लगी है वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सहित अन्य नेताओं की नजर राजस्थान पर टिकी रहने से देश में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में इस बार राजस्थान सबसे चर्चित राज्य बनता जा रहा हैं। Jaipur News
23 नवंबर को होने वाले चुनाव अब 25 नवंबर को होंगे चुनाव
इस बार राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस एवं भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना गया है और दोनों ही दल इस चुनाव को हर हाल में जीतना चाह रहे हैं और अपनी अपनी जीत के दावे भी कर रहे है। इस चुनाव से पहले पहली बार देखने को मिल रहा है कि प्रधानमंत्री से लेकर राजनीतिक दलों के अध्यक्षों एवं पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं, कई मंत्रियों एवं दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं अन्य नेताओं का यहां जमावड़ा होने लगा और विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही उनकी कई सभाएं हो चुकी है। अब जब चुनाव का बिगुल बज चुका है तो राज्य में बड़ी बड़ी सभाओं का दौर जोर पकड़ने लगेगा और इससे राजस्थान और चर्चित होगा।
इस बार राजस्थान के लोगों में ही नहीं राज्य के बाहर भी चर्चा है कि इस बार राजस्थान के चुनाव में जीत को लेकर कांग्रेस और भाजपा में बड़ी जोर आजमाइश चल रही हैं। इस बार इन दोनों दलों के अलावा आम आदमी पार्टी (Aap) एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) भी काफी जोर लगा रही है। आप के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राजस्थान के दौरे कर चुके हैं और रालोपा के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल प्रदेश में सत्ता संकल्प यात्रा निकाल रहे हैं।
रिवाज के हिसाब से भाजपा की सरकार आ सकती है लेकिन इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)और उनकी पार्टी के अन्य कई नेताओं का दावा है कि इस बार वे इस रिवाज को बदल देंगे। गहलोत का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पहल करते हुए स्वास्थ्य बीमा योजना, पुरानी पेंशन योजना, स्वास्थ्य का अधिकार सहित ऐसी कई जनहित की योजनाएं लागू की गई है जो देश भर में उदाहरण एवं चर्चा का विषय बनी और इससे प्रदेश के सभी क्षेत्रों एवं वर्गों का अभूतपूर्व विकास हुआ है और इससे राज्य आगे बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के मद्देनजर इससे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पहली बार महंगाई शिविरों से 1.82 करोड़ परिवार लाभान्वित हुए हैं। सात करोड़ से अधिक गारन्टी कार्ड इन शिविरों के माध्यम बांटे जा चुके हैं। इतना ही नहीं राजस्थान को देश में अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से विजन 2030 लाया गया और इसका डॉक्यूमेंट जारी किया गया है। इसमें प्रदेश के तीन करोड़ से अधिक लोगों ने अपने सुझाव दिए है।
इस प्रकार सरकार ने इस बार प्रदेश के हित में कदम उठाने में कोई कमी नहीं रखी है और उन्हें उम्मीद है कि जनता का उन्हें फिर आशीर्वाद मिलेगा और कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। इसी तरह पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश के कई मंत्री एवं कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी सरकार के काम की बदौलत इस बार कांग्रेस की सरकार रिपीट होने के दावे कर रहे है।
मोदी सहित भाजपा के नेता राजस्थान में भ्रष्टाचार, पेपरलीक एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दों पर ज्यादा जोर दे रहे है और उनका आरोप है कि राज्य में गहलोत सरकार कानून व्यवस्था बनाये रखनी में पूरी तरह विफल रही है और महिला अत्याचार बढ़ा है। भाजपा नेता गहलोत सरकार में मंत्री रहे विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के उठाये गए लाल डायरी के मुद्दे को भी इस चुनाव में भुना रहे है। Jaipur News
इसके अलावा वे केन्द्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिना रहे हैं जबकि कांग्रेस के नेता गहलोत सरकार की उपलब्धियों गिनाने के साथ केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा राज्य के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगा रहे है और वे ईआरसीपी के मुद्दे को बड़े मुद्दे के रुप में ले रहे है। अब चुनाव होने में डेढ़ महीने से भी कम का समय बचा है और पार्टियों ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारना शुरु कर दिया हैं। Jaipur News
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