राजस्थान, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में रक्तदान के प्रति किया जागरूक
सरसा। डेरा सच्चा सौदा द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस पर देश के कई शहरों में जागरूकता रैलियां निकाल रक्तदान किया गया। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सौजन्य से निकाली गई जागरूकता रैलियों के दौरान लोगों को रक्तदान के सबंध में फैली भ्रांतियों के प्रति जागरूक किया गया। राजस्थान के हनुमानगढ़, पीलीबंगा, श्रीगंगानगर व उत्तरप्रदेश के मुज्जफरनगर, मेरठ व हरियाणा के सरसा में आयोजित रैलियों के दौरान साध संगत का उत्साह देखते ही बन रहा था। रैलियों के शुभारम्भ अवसर पर आए अतिथियों ने डेरा अनुयायियों को रक्तदान का पर्यायवाची बताते हुए कहा कि एक समय था जब रक्तदान का नाम लेते ही लोग अपनों को छोड़कर भाग जाते थे लेकिन पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा जगाई गई जागरूकता का ही परिणाम हैं कि आज लोग रक्तदान के लिए आगे आने लगे हैं।
उन्होंने कहा चलते फिरते ट्रयू ब्लड पंप के नाम से विख्यात डेरा अनुयायियों की रक्तदान के क्षेत्र में जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम हैं क्योंकि रक्त पैदा नहीं किया जा सकता उसका तो दान ही करना पड़ता है। पूज्य गुरू जी द्वारा सिखाई गई प्रेरणा पर चलते हुए डेरा अनुयायी रक्तदान के क्षेत्र में जरूरमतंदों की सहायता व लोगों की जान बचाने का कार्य कर रहे हंै और यही कारण हैं कि 4 विश्व रिकॉर्ड भी डेरा सच्चा सौदा के नाम है। हनुमानगढ़ पीलीबंगा में पूर्व सरपंच जगतार सिंह, मुज्जफरनगर में जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक अधीक्षक डा. त्यागी ने रैलियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्रीगंगानगर के स्वास्तिक ब्लड बैंक में साध संगत ने 21 यूनिट रक्तदान किया। सरसा के शाह सतनाम जी स्पैशेलिटी अस्पताल में सेवादारों ने रक्तदान किया।
विदित रहे कि डेरा सच्चा सौदा के रक्तदाताओं ने अब तक भारतीय सेना व अन्य जरूरतमंद लोगों के लिए कुल 4 लाख 97 हजार 488 यूनिट रक्त देकर लोगों की जान बचाई है। डेरा सच्चा सौदा का नाम रक्तदान के लिए चार बार गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हो चुका है। रक्तदान के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉॅ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने जो रीत चलाई है आज सारा देश उसका अनुसरण कर रहा है। 7 दिसंबर 2003 को सरसा के शाह सतनाम जी धाम में आयोजित रक्तदान कैंप में 15432 यूनिट रक्तदान किया गया जो कि रक्तदान के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा का पहला गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड है।
इसके पश्चात 10 अक्टूबर 2004 को पूज्य गुरु जी की पावन जन्मस्थली श्री गुरुसर मोडिया में लगाये गए कैंप में 8 घंटे में 17921 यूनिट रक्तदान हुआ वह भी वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हुआ है। 8 अगस्त 2010 को पूज्य गुरु जी के 43 वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शाह सतनाम जी धाम के सचखंड हाल में एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 43732 यूनिट रक्त सग्रंहित किया गया जो कि डेरा सच्चा सौदा का रक्तदान के क्षेत्र में तीसरा वर्ल्ड रिकार्ड है। रक्तदान के प्रति आमजन में जागरूकता पैदा करने के लिए 24 नवम्बर 2013 को 10,563 लोगों ने विशालकाय रक्त बूंद का डिजाईन बनाकर विश्व रिकार्ड बनाया। इसके बाद तो मानो रक्तदान के क्षेत्र में होड़ ही लग गई।