शिमला (सच कहूँ न्यूज)। हिमाचल प्रदेश में बारिश (Rain) का कहर लगातार जारी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 5 रामपुर के ब्रौनी खड्ड में भूस्खलन से फिर बंद हो गया है। इससे किन्नौर जिले व सीमावर्ती क्षेत्रों का अन्य भागों से सड़क संपर्क कट गया है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निगुलसरी के पास गुरुवार को मार्ग अवरुद्ध हुआ है। मार्ग को बहाल करने के लिए एनएच (05) प्राधिकरण ने मशीन लगाई है। लेकिन भारी बारिश व पत्थरों के गिरने से मार्ग बहाल नही हो पाया। अवरुद्ध मार्ग के दोनो तरफ फंसे लोगों को वाहन में ही रात गुजारनी पड़ रही है।
वहीं, शुक्रवार सुबह जैसे ही निगुलसरी मार्ग बहाल हुआ। अचानक चौरा के समीप भारी चट्टान गिरने से एनएच 5 पुन: अवरुद्ध हो गया है। बधाल, ज्यूरी, निगुलसरी आदि स्थानों में फंसे वाहन व यात्रियों को एक बार पुन: मायूस होना पड़ा। पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के बाद एनएच 5 जगह-जगह से अवरुद्ध हो रहा है। कनिष्ठ अभियंता सतीश जोशी ने कहा कि मार्ग बहाली के लिए मशीन लगाई गई है। उन्होंने कहा कि सड़क को जल्द बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह ककस्थल वांगतू नेशनल हाईवे के साथ लगते मकान पर अचानक पहाड़ी से पत्थरों के गिरने से कमरें व छत को नुकसान हुआ है। कहा कि एक पालतू कुत्ता के पत्थर की चपेट में आने से मरने की सूचना मिली है। मौके पर थाना की टीम पहुच गई है।
भूस्खलन से गांव में दहशत का माहौल | Himachal Weather
इसके इलावा चंडीगढ़-मनाली एनएच मंडी के पुल घाट के पास चट्टानें गिरने से करीब डेढ़ घंटे बंद रहा। इस दौरान वाहनों की लंबी लाइन लग गई। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, मुंछाड़ा पंचायत के कोटसारी गांव में भूस्खलन से तीन घरों में दरारें आ गईं हैं। इससे तीन परिवार बेघर हो गए हैं। प्रभावित लोगों को लाखों रुपये का सामान खुले आसमान के नीचे रखना पड़ रहा है। उधर, किन्नौर के नाथपा गांव की पहाड़ी से पिछले चार दिनों से लगातार चट्टानें गिर रही हैं। Himachal Weather
गुरुवार शाम भी यहां पहाड़ी से बड़ी मात्रा में भूस्खलन होने से गांव को खतरा पैदा हो गया है। इसके बाद नाले के साथ मौजूद गांव के चार घरों को खाली करवा दिया गया है। भूस्खलन से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। उधर, प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि भूस्खलन से 466 सड़कें यातायात के लिए ठप्प थीं। शिमला जिले से सबसे ज्यादा 220 और कुल्लू में 115 सड़कें बंद हैं। वहीं, राज्य में 552 बिजली ट्रांसफार्मर भी बाधित हैं। इसी तरह 204 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित चल रही हैं। शिमला, कुल्लू व मंडी में सबसे ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं।
हिमाचल में हुए मानसून जून से 27 जुलाई तक प्रदेश में 5491.99 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। कोई 183 लोगों की जान गई है जबकि 206 लोग जख्मी हुए हैं। बाढ़ से 687 मकान ढह गए, जबकि 7029 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान भूस्खलन की 68 और अचानक बाढ़ की 51 घटनाएं सामने आई हैं। प्रदेश में 24 घंटों के दौरान भोरंज में 127.2, कटौला 118.3, धर्मशाला 76.2, करसोग 71, मंडी 63.3, रामपुर बुशहर 49.4 नयना देवी 42.6, सुंदरनगर 41.8, शिलारू 38.5, कांगड़ा 35.6, काहू 32.2 और नारकंडा में 30 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। Himachal Weather
यह भी पढ़ें:– गैर कानूनी निर्माण करने वालों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई की जाए: सिंह