लुधियाना : प्रदेश में तेज हवाओं व बूंदाबांदी का दौर जारी

Rain

कड़ाके की ठंड ने लोगों को चढ़ाई कपकपी | Rain

लुधियाना (सच कहूँ न्यूज)। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में दो दिन से रूक-रूककर (Rain) बारिश हो रही है। तेज हवाओं के बीच हुई बारिश से दिन का तापमान (अधिकतम तापमान) दस से 12 डिग्री सेलिसयस तक लुढ़क गया है। कई जिलों में दिन और रात का तापमान एक बराबर रहा। दिन के तापमान में गिरावट से कड़ाके की ठंड के चलते लोग कांप रहे हैं। इंडिया मैट्रोलाजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के अनुसार सूबे में बठिंडा सबसे ठंडा रहा। जहां तीन मिलीमीटर बारिश हुई और दिन व रात का तापमान एक बराबर आ गया। यहां दिन का तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

दिन का तापमान सामान्य तापमान से 11 डिग्री सेल्सियस कम था। सामान्य तौर पर दिन का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए। जबकि न्यूनतम तापमान यहां 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक था।

लुधियाना में पांच मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई | Rain

लुधियाना में पांच मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई और दिन का तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जोकि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम था। जबकि न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जो कि सामान्य से पांच डिग्री अधिक था। वहीं अमृतसर में दो मिलीमीटर बारिश और अधिकतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अधिकतम तापमान यहां सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस कम था।

जबकि न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जोकि सामान्य से 8.2 डिग्री अधिक था। इसी तरह जालंधर में तीन दिन से लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है। यहां तीन मिलीमीटर बारिश और अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जोकि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था।

बारिश फसलों के फायदेमंद  | Rain

  • कृषि विशेषज्ञ डॉ. बलदेव सिंह के अनुसार जनवरी से कोहरा पड़ रहा था।
  • कोहरे की मार झेल रही फसलों के लिए सोमवार को हुई हल्की बारिश वरदान से कम नहीं है।
  • बारिश फसलों के लिए ठीक है। खासकर, गेहूं, फलों व आलू की फसल के लिए तो बहुत फायदेमंद है।
  • अगर बारिश नहीं होती, तो आलू की फसल बर्बाद हो जाती।
  • हालांकि, अगर तेज बारिश हुई, तो इससे निचले इलाकों में लगाई गई
    फसलों में पानी जमा होने से नुकसान पहुंच सकता है।
  • लेकिन मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों में हल्की बारिश की संभावना जताई है।
  • किसानों को डरने की जरूरत नहीं है।

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