छापेमारी के विरोध में उतरा मोर्चा
दार्जलिंग (पश्चिम बंगाल)। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर वीरवार को छोपमारी के बाद प्रदर्शनकारियों और दंगा पुलिस ने एक-दूसरे पर पथराव किया और एक कार को आग लगा दी गई। गुरूंग का अलगाववादी आंदोलन बेहद हिंसक रहा है। पश्चिम बंगाल में दार्जलिंग पहाड़ियों को मिलाकर पृथक गोरखालैंड के गठन की जीजेएम की मांग तेजी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक संकट का रूप ले रही है।
इस संकट से पर्यटन के मुख्य मौसम, गर्मियों के दौरान इस व्यवसाय पर भी बहुत असर पड़ने वाला है। जीजेएम के महासिचव रोशन गिरि ने कहा कि पहाड़ी में मौजूदा हालात राज्य सरकार के पैदा किए हुए हैं। वे पुलिस बल का प्रयोग करके हमें दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार को राजनीतिक समस्याएं सुलझानी चाहिएं।
दार्जलिंग की धुंध भरी पहाड़ी सड़कों पर अर्द्धसैनिक बलों के साथ मौजूद जीजेएम के कार्यकर्त दूर से ही पथराव कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने पास में एक कार को आग लगाए जाने के बाद जवाब में पथराव किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कार असैन्य नागरिक की है या पुलिस बल की।
गौरतलब है कि इस छापेमारी से महज एक दिन पहले गुरूंग ने कहा था कि पृथक गोरखालैंड की मांग पूरी होने तक उनके समूह का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने पर्यटकों से दार्जलिंग से दूर रहने का आह्वान किया था। पश्चिम बंगाल में चाय बगानों से भरे इस क्षेत्र को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
दिनभर छापेमारी के दौरान पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर तीरों और विस्फोटकों सहित वहां से 300-400 हथियार बरामद किए। इस छापेमारी और घटनाक्रम से नाराज अलगाववादी समूह ने दार्जलिंग पहाड़ियों में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।
भेदभाव की राजनीति कर रही है सरकार: गिरि
जीजेएम के महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि राज्य सरकार चुन-चुन कर निशाना बनाने की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस और राज्य सरकार हमें पहाड़ी क्षेत्र में अनिश्चितकालीन बंद बुलाने पर मजबूर कर रहे हैं। राज्य सरकार की क्रूरता के बारे में हम केन्द्र को सूचित करेंगे। हमने पहाड़ी में आज से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।
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