भारत के अंदरूनी मामले पर अमेरिका की चुप्पी पर निकोलस बर्न्स से की शिकायत
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हार्वर्ड केनेडी स्कूल के प्रोफेसर निकोलस बर्न्स के साथ लाइव बातचीत की। बातचीत में उन्होंने भारत में चल रहे किसान आंदोलन, लॉकडाउन और ईवीएम का जिक्र किया। उन्होंने लद्दाख में चीन के अतिक्रमण का भी मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि चीन बाचीत की आड़ में भारत के इलाके पर कब्जा जमा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन भारत को कमजोर और अंदरूनी तौर पर बंटा हुआ देखता है। राहुल ने कहा कि मेरा यकीन है कि साफ रणनीति वाले और मजबूत भारत के लिए चीनी आक्रामकता का मुकाबला करना कोई बड़ा मुद्दा नहीं होगा। राहुल गांधी ने सवाल किया कि भारत में जो कुछ हो रहा है, उस पर अमेरिकी संस्थानों की ओर से कुछ सुनने को नहीं मिलता।
I don’t hear anything from US establishment about what’s happening in India. If you are saying partnership of democracies, I mean what is your view on what is going on here: Congress' Rahul Gandhi in conversation with Ambassador Nicholas Burns from Harvard Kennedy School (02.04) pic.twitter.com/wJ5NSBOjUX
— ANI (@ANI) April 3, 2021
निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबले के लिए संस्थाए सहयोग नहीं कर रही
उन्होंने कहा कि मैं मूल रूप से मानता हूं कि अमेरिका एक गहन विचार है। स्वतंत्रता का विचार जिस तरह से आपके संविधान में निहित है वह एक बहुत शक्तिशाली विचार है मगर आपको उस विचार का बचाव करना चाहिए। यही असली सवाल है। राहुल गांधी ने देश में स्थागत ढांचे पर सत्तापक्ष की तरफ से पूरी तरह कब्जा कर लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार संस्थाएं अपेक्षित सहयोग नहीं दे रही है।
कांग्रेस की चुनाव असफलता और आगे की रणनीति के बारे में पूछ जाने पर राहुल ने कहा कि हम आज ऐसी अलग स्थिति में हैं जहां वो संस्थाएं हमारी रक्षा नहीं कर पा रही हैं जिन्हें हमारी रक्षा करनी है। जिन संस्थाओं को निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबले के लिए सहयोग देना है वो अब ऐसा नहीं कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष की तरफ से संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया है।
लॉकडाउन और कृषि कानून पास होना एक जैसा फैसला
राहुल गांधी ने कहा कि पावर एक जगह सिमटकर रह गया है। सभी फैसले एक जगह से लिए जा रहे हैं। चाहे वह लॉकडाउन का हो गया कृषि कानून पास करने का। भारत जैसे बड़े देश में अचानक लॉकडाउन लगा दिया गया। कैबिनेट में इस पर चर्चा तक नहीं हुई। किसी इंस्टीट्यूशन ने इस पर आपत्ति नहीं जताई। यह दिखाता है कि आप देश को कैसे चलाते हैं। सभी इंस्टीट्यूशन और मीडिया पर कब्जा कर लिया गया है।
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