लखनऊ पहुंचे राहुल गांधी, किसानों के मुद्दे पर अफसरों से मिले

Rahul Gandhi, Officers, NHAI, Lucknow, Farmers, Compensation

लखनऊ। क‍िसानों के जमीन अध‍िग्रहण मामले में राहुल गांधी मंगलवार को लखनऊ पहुंचे। इस दौरान राहुल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के ऑफिस गए। यहां उन्होंने NHAI के चीफ जनरल मैनेजर (टेक्निकल), रीजनल अफसर राजीव अग्रवाल से मिलकर किसानों की समस्याओं पर बात की। वहां उन्होंने किसानों की समस्याओं और मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी दिया।

मुआवजे घर ढहाये जाने का आरोप

बता दें कि लोगों के घर को राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए बिना मुआवजे ढहाये जाने का आरोप है। जिसको लेकर जिला प्रशासन सकते में हैं। वहीं प्रभावित किसानों की समस्याओं को लेकर राज बब्बर ने पहले प्रशासन से बात की, जवाब से असंतुष्ट होकर वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। जिन्होंने पूरी रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर मच्छरदानी के सहारे सड़क पर बिताई।

ज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार लखनऊ-सुल्तानपुर-वाराणसी मार्ग पर हाईवे का निर्माण कर रही है। जिसके दोनों तरफ 13-13 मीटर जमीन अधिग्रहित की गई है। जिसमें किसानों की जमीनें और घर भी अधिग्रहण की जद में आ गए। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

राहुल ने ज्ञापन में ये भी कहा है कि इस जमीन को लेकर बनने वाली सड़क पर ट्रक का रूट बनाया जा रहा है जो कि किसी के भी हित में नहीं है। अत: इस प्रोजेक्ट को किसी और रूट पर बनाया जाए और अब तक किसानों की जितनी भी जमीन का नुकसान हुआ है उसका मुआवजा भी किसानों को दिया जाए।

बता दें कि राहुल प्राधिकरण के दफ्तर में करीब 1 घंटे तक रहे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर समेत कुछ नेता भी मौजूद रहे। इस दौरान प्राधिकरण के बाहर भी कांग्रेस समर्थक काफी देर तक नारेबाजी करते रहे।

 NHAI के अफसर राजीव अग्रवाल के मुताबिक, ”राहुल गांधी ने मुलाकात में बताया कि 125 किलोमीटर के हाईवे में कुल 400 मीटर की सड़क है। इससे करीब 600 लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसमें किसी की दुकान, किसी का घर, खेत शामिल है। इस पर व‍िचार कि‍या जाए।”

ये है पूरा मामला

जगदीशपुर के कठौरा में NHAI, ट्रक लेन तैयार कर रहा है। इसके रास्ते में उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (UPSIDC) की जमीन आ रही है। उसने यह जमीन करीब 50 किसान परिवारों को दी थी। कांग्रेस की मांग है कि ट्रक लेन को किसान का ख्याल रखते हुए आधा किलोमीटर पीछे से डायवर्ट किया जाए। सूत्रों की मानें तो सरकार मुआवजे से बचने के लिए यह मांग मानने के लिए तैयार नहीं है।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।