8 अक्टूबर को फ्रांस रक्षा मंत्री राजनाथ की मौजूदगी में भारत को पहला राफेल सौंपेगा
- भारत ने फ्रांस से 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमान का सौदा किया था, इसके लिए सरकार 58 हजार करोड़ रुपए देगी
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस साल दशहरे के मौके पर फ्रांस की राजधानी (rafale jet) पेरिस में शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) करेंगे। इस दौरान वे भारतीय वायुसेना के लिए 8 अक्टूबर को फ्रांस से पहला राफेल भी हासिल करेंगे। राजनाथ अपनी इस यात्रा में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात कर सकते हैं।
रक्षा अधिकारियों ने बताया, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हर साल दशहरे के अवसर पर शस्त्र पूजा ((rafale jet)) करते रहे हैं। इस बार वे फ्रांस में रहेंगे और वे वहां भी इस परंपरा को जारी रखेंगे।” पहले राफेल विमान के ट्रायल को आरबी-01 नाम दिया गया है। राफेल समझौते में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरबीएस भदौरिया के सम्मान में पहले राफेल विमान के ट्रायल को यह नाम दिया गया।
- 2016 में डील हुई थी
- राफेल लड़ाकू विमान डील भारत और फ्रांस की सरकार के बीच सितंबर 2016 में हुई।
- इसमें वायुसेना को 36 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान मिलेंगे।
- यह सौदा 7.8 करोड़ यूरो (करीब 58,000 करोड़ रुपए) का है।
- कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार के दौरान एक राफेल फाइटर जेट की कीमत 600 करोड़ रुपए तय की गई थी।
- मोदी सरकार के दौरान एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपए का पड़ेगा।
- भारत अपने पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए राफेल ले रहा है।
- वायुसेना राफेल की एक-एक स्क्वॉड्रन हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हशीमारा एयरबेस पर तैनात करेगी।
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