सरकार ने दस्तावेजों पर किया विशेषाधिकार का दावा
नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र ने गुरुवार को राफेल विमानों से संबंधित दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया और सुप्रीम कोर्ट से कहा कि संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर कोई भी इन्हें पेश नहीं कर सकता। केंद्र के इस दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राफेल सौदे के तथ्यों पर गौर करने से पहले वह केंद्र सरकार द्वारा उठाई गई प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला करेगा।
चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने शीर्ष अदालत के आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध करने वाले याचिकाकतार्ओं से कहा कि पहले वह लीक हुए दस्तावेजों की स्वीकार्यता के बारे में प्रारंभिक आपत्तियों पर ध्यान दें। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राफेल डील से जुड़े गुप्त दस्तावेजों के लीक हुए पन्नों को विशेषाधिकार का दावा करते हुए समीक्षा याचिकाओं से हटाने का आग्रह किया। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि याचिकाकतार्ओं द्वारा उद्धृत दस्तावेज चोरी के थे। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों को बिना स्पष्ट अनुमति के प्रकाशित नहीं किया जा सकता।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सरकार के शीर्ष अधिवक्ता से पूछा, ‘आप किस विशेषाधिकार का दावा करते हैं? वे उन्हें पहले ही अदालत में पेश कर चुके हैं।’ अटॉर्नी जनरल की प्रस्तुतियां सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें एक हलफनामा दायर करने को कहा जिसमें विशेषाधिकार का दावा किया गया।
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