सच कहूँ करियर डेस्क। वर्तमान युग में, रेडियो सिर्फ सूचना का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि अब इसमें मनोरंजन भी शुमार हो गया है। इंफोटेंटमेंट के इस माध्यम में अब आरजे की जिम्मेदारी भी पहले से बढ़ गई है। फिल्म ‘‘लगे रहो मुन्नाभाई’’ में आपने विद्या बालन की आवाज में गुड मार्निंग मुंबई कहते हुए तो सुना ही होगा। कुछ ऐसा ही काम होता है एक रेडियो जॉकी का। अपनी आवाज के जादू से श्रोताओं को बांधे रखना। वो जमाना नहीं रहा जब रेडियो पर सीधे सूचना दी जाती थी। वर्तमान युग में, रेडियो सिर्फ सूचना का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि अब इसमें मनोरंजन भी शुमार हो गया है। इंफोटेंटमेंट के इस माध्यम में अब आरजे की जिम्मेदारी भी पहले से बढ़ गई है। अब रेडियो जॉकी लोगों को जानकारी भी इस अंदाज में देते हैं ताकि उनका भरपूर मनोरंजन भी हो सके।
ये उपलब्ध हें कोर्सेज
- डिप्लोमा इन रेडियो प्रोग्रामिंग व ब्रॉडकास्ट मैनेजमेंट।
- डिप्लोमा इन रेडियो प्रोडक्शन व रेडियो जॉकी।
- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रेडियो एंड ब्रॉडकास्ट मैनेजमेंट।
- सर्टिफिकेट कोर्स इन रेडियो जॉकिंग।
मुख्य संस्थान
- रेडियो सिटी स्कूल आॅफ ब्रॉडकास्टिंग, मुम्बई।
- इंडियन इंस्टीटयूट आॅफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली।
- जेवियर इंस्टीटयूट आॅफ कम्युनिकेशंस, मुम्बई।
- जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली।
- द मुद्रा इंस्टीटयूट आॅफ मास कम्युनिकेशन, अहमदाबाद।
क्या होता है काम
एक रेडियो जॉकी का काम सिर्फ रेडियो शो को प्रेजेंट करना ही नहीं होता बल्कि उनके कार्यक्षेत्र में म्यूजिक प्रोग्रामिंग, पटकथा लेखन, रेडियो एडवरटाइजिंग करने से लेकर आॅडियो मैगजीन व डाक्यूमेंट्री भी पेश करने होते हैं। सबसे पहले तो आपको यह समझना होगा कि रेडियो जॉकी की जॉब 9 से 5 की रेगुलर जॉब नहीं है। रेडियो में आपको दिन या रात कभी भी शो होस्ट करना होता है। साथ ही रेडियो जॉकी को न सिर्फ देश-विदेश में होने वाली गतिविधियों की जानकारी होनी चाहिए बल्कि उसे अपने शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में भी पता होना चाहिए ताकि वह अपने शो को और भी बेहतर व इंफोर्मेटिव बना सके। वैसे तो आरजे अपने शो से पहले पटकथा लिखते हैं, लेकिन फिर भी आपको शो के दौरान चेंज करना आना चाहिए। इसके लिए आपका स्पॉनटेनियस होना आवश्यक है।
रेडियो इंडस्ट्री काफी पुरानी
आज रेडियो भारत की बड़ी इंडस्ट्री में से एक है। हालांकि रेडियो इंडस्ट्री काफी पुरानी है लेकिन फिर भी पिछले कुछ समय में इस क्षेत्र ने काफी तरक्की की है। इस समय देश में बहुत से रेडियो चैनल्स मौजूद हैं, जिन्हें लोगों द्वारा काफी सराहा जा रहा है। जिसके कारण रेडियो जॉकी भी लोगों के काफी प्रिय हो जाते हैं। रेडियो अब घरों से निकलकर लोगों के हाथों तक पहुंच गया है। लोग बसों में सफर करते हुए, कार चलाते हुए यहां तक कि पैदल चलते हुए भी रेडियो सुनना पसंद करते हैं।
रेडियों जॉकी बनने के लिये ये स्किल्स जरूरी
एक आरजे का न सिर्फ एक बेहतर वक्ता होना आवश्यक है बल्कि उसे हर स्थिति को अच्छे से हैंडल करना भी आना चाहिए। साथ ही आपमें प्रेजेंटेशन स्किल भी बेहतर होना चाहिए। इसके लिए आपका आत्मविश्वासी व हाजिरजवाब होना भी बेहद आवश्यक है। आपकी आवाज प्रभावशाली होने के साथ-साथ आपका उच्चारण बेहद साफ व आवाज पर नियंत्रण भी होना चाहिए। आप के अंदर यह क्षमता होनी चाहिए कि आप अपनी आवाज के उतार-चढ़ाव द्वारा लोगों को आकर्षित कर सकें।
साथ ही एक आरजे को हर उम्र के लोगों को एंटरटेन करना होता है, इसलिए उसका बात करने का तरीका भी ऐसा होना चाहिए कि वह हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सके। अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको पसंद करें तो आपका अपना खुद का स्टाइल व वह ओरिजिनल होना चाहिए। आपको मिमिक्री, स्थानीय बोली व कॉमेडी करना भी आना चाहिए ताकि आप अपने शो को और भी अधिक मजेदार बना सकें। एक आरजे का म्यूजिक लवर होना भी बेहद आवश्यक है। आपको न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि इंटरनेशनल म्यूजिक के बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए।
ये होनी चाहिये योग्यता
वैसे तो आरजे बनने के लिए कोई प्रोफेशनल कोर्स करना बेहद आवश्यक नहीं है लेकिन फिर भी अपने गुणों को निखारने के लिए आप 12वीं के बाद किसी संस्थान से डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। फिर चाहे आप किसी भी स्टीम के छात्र हों। आज देश के हर राज्य में ऐसे बहुत से संस्थान हैं जो रेडियो जॉकी बनने के लिए प्रोफेशनल डिग्री व डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।
आमदनी
इस क्षेत्र में आपकी आमदनी आपके अनुभव व लोगों के रिसपॉन्स पर निर्भर करती है। शुरूआती दौर में, आपको सात हजार से लेकर 15 हजार रूपए तक आसानी से मिल जाएंगे। वहीं अनुभव प्राप्त करने के पश्चात व लोगों का प्यार मिलने से आप हर शो के लिए 2500 से 3000 हजार रूपए चार्ज कर सकते हैं।
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