डाक विभाग ने अपने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए नई योजना की शुरू
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। डाक विभाग ने अपने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए नई योजना की शुरूआत की गई। जिसके तहत अब रेडियो फ्रक्विेंसी आईडेंटीफिकेशन (radio frequency identification) तकनीक के जरिए डाक व पार्सलों की निगरानी करेगा। इस तकनीक के इस्तेमाल का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना है। इस तकनीक से यह सुनिश्चित होगा कि डाक या फिर पार्सल उपभोक्ताओं को सही समय पर पहुंच रहा है या नहीं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यह एक ऐसी तकनीक है जो रेडियो फ्रिकवेंसी पर आधारित पहचान का काम करती है।
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इस तकनीक का उपयोग स्वचालित रूप से वस्तु की पहचान या ट्रैक करने के लिए किया जाता है। डाक विभाग के देशभर के विभिन्न मेल कार्यालयों में इस तकनीक की स्थापना वास्तविक समय में मेल बैगो की संपर्क रहित पहचान, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के लिए की जा रही है। डाक विभाग ने निगरानी और विश्लेषण के उद्देश्य से इस तकनीक का उपयोग करने की योजना बनाई है जो पब्लिक की डाक को उसके गंतव्य स्थान तक जल्द से जल्द पहुंचाने मे अहम योगदान देगी।
मेल आफिस में शुरू हुई सेवा
अंतरराष्ट्रीय डाक दिवस व राष्ट्रीय डाक सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर रविवार को हरियाणा परिमंडल की चीफ पोस्टमास्टर जनरल मीरा शरिंग के कुशल नेतृत्व में रेल डाक सेवा ट्रांजिट मेल आॅफिस में अधीक्षक रेलवे डाक सेवा एचआर मंडल अनिल रोज ने इस सेवा का उद्घाटन् किया। इस कार्यालय की विभिन्न शाखाओं (स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, पार्सल एव साधारण डाक) में भिन्न-भिन्न स्थानों से प्राप्त व प्रेषित होने वाले मेल बैगो की पहचान इस तकनीक की सहायता से कर उनके रिकॉर्ड को पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेगा।
अंबाला रेल डाक सेवा से हुई शुरूआत
पूरे हरियाणा परिमंडल में इस तकनीक की स्थापना की शुरूआत अंबाला रेल डाक सेवा से की गई है। इसके लिए अधीक्षक ने चीफ पोस्टमास्टर जनरल का आभार व्यक्त किया। इसके बाद पूरे स्टाफ को इस तकनीक के बारे में विस्तार से बताया गया। मौके पर ही सिस्टम मैनेजर रोहित हुड्डा व जयवीर इस तकनीक के उद्देशय व प्रयोग के बारे मे मौजूद स्टाफ को प्रशिक किया गया। गौरतलब है कि डाक विभाग अपनी सेवाओं के नवीनीकरण पर ध्यान दे रहा है। इसके तहत प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी का भी विस्तार किया जा रहा है ताकि जनता को बेहतर सेवाएं दी जा सके।
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