चौपटा (भगत सिंह)। राजस्थान की सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र में हुई बारिश से रबी की फसल को काफी फायदा हुआ है। चोपटा खंड में 61920 हेक्टेयर में खड़ी गेहूं, चने, सरसों व जौ आदि रबी की फसल के लिए संजीवनी का काम कर रही है। इसके साथ ही निकटवर्ती राजस्थान में बारिश हुई हैं। किसानों का कहना है कि इस समय बारिश अच्छी होती है। ओला वृष्टि घातक हो सकती है। किसान महेंद्र सिंह, जगदीश, विकास, सुरेश कुमार का कहना है कि पोष के महीने में तो फुंहार हीअच्छी होती है लेकिन आज हुई बारिश से गेहूं , सरसों , चने इत्यादि फसलों को काफी फायदा होगा। इनका कहना है कि सरकार ने तो नहरी पानी कटौती करके खेती को भगवान भरोसे छोड़ दिया था लेकिन भगवान ने उनकी सुन ली है । चोपटा खंड में इस बार किसानों ने 39500 हेक्टेयर में गेहूं, 18500 हेक्टेयर में सरसों, 2050 हेक्टेयर में चना व 850 हेक्टेयर में जौ, 60 हेक्टेयर में दलहन व 960 हेक्टेयर में चारा व अन्य फसलों की बिजाई की है। इस फसल पर मंडरा रहा पाले का खतरा टल गया है।
खेती बारिश पर ही आधारित: सुल्तान सिंह
राजस्थान कि सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र के कागदाना, कुुम्हारिया, खेड़ी, जसानियां, चाहरवाला, जोगीवाला, रामपूरा नवाबाद, गिगोरानी, शाहपूरिया, रूपावास सहित सभी गावों में पूरे दिन रुक रुक कर हो रही बारिश से मौसम में ठंडक तो बढ़ गई लेकिन रबी की फसल के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। किसान राम कुमार व सुल्तान सिंह का कहना है कि इस समय सरकार ने नहरी पानी में कटौती कर दी है तो खेती बारिश पर ही आधारित रह गई और इस समय बारिश की जरूरत भी ज्यादा है । इस समय बारिश फसलों के लिए फायदेमंद हाती है। इन महीनों में फसल के लिए सूखा पाला घातक होता है। बारिश होने के बाद पाले से कोई नुकसान नहीं होता। परंतु ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो सकता है। किसान महेंद्र सिंह व जगदीश का कहना है कि सरकार ने नहरी पानी में कटौती करके खेती को राम भरोसे छोड़ दिया था अब भगवान ने सुध ले ली है। किसान कृष्ण कुमार बैनीवाल व सुभाष चन्द्र का कहना है अब फसलों को सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ेगी। जिससे डीजल का खर्च बच जाएगा। इनका कहना है कि बारिश तो फसल के लाभदायक है ओला वृष्टि घातक हो सकती है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।