पीने का पानी रात को 11 से 6 की बजाय दिन में देने की व्यवस्था करें व्यवस्था
श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। जिला प्रभारी सचिव व जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल ने कहा है कि जिले में किसी भी विभाग में ऐसे केस पेंडिंग ना हो जिसके लिए बाद में सबके सामने शर्मिंदा होना पड़े। मुख्यमंत्री की राजविकास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ऐसे ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो छह सात साल से पेंडिंग चल रहे थे। मुख्यमंत्री के सामने संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को शर्मिंदा तो होना ही पड़ता है साथ ही संबंधित अधिकारी को भी समाज और मीडिया के सामने शर्मिंदा होना पड़ेगा। लिहाजा ऐसे कोई केस किसी विभाग में पेंडिंग चल रहे हो तो उन्हें जल्द निपटा लें।
एक दिवसीय दौरे पर श्रीगंगानगर आए जिला प्रभारी सचिव जिला कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में जिला प्रभारी सचिव ने विभिन्न विभागों में चल रहे कार्यों की प्रगति जानने के साथ-साथ कुछ जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। बैठक में पीएचईडी की समीक्षा करते हुए जिला प्रभारी सचिव ने विभाग के एसई से कहा कि लोगों को रात 11 से सुबह 5 बजे तक पानी सप्लाई करने वाले सिस्टम को कैसे भी बंद करो। इससे ना केवल पानी की बर्बादी होती है बल्कि लोगों को भी रात भर परेशान होना पड़ता है।
डायलिसिस मशीन पीपीपी मोड पर शुरू करने के दिए निर्देश
रात को लोग भी परेशान होकर नल खुलाकर छोड़ देते हैं फिल्टर पानी व्यर्थ हो जाता है। इसको लेकर एसई को निर्देश दिए कि बिजली विभाग के उच्चाधिकारी से मिलकर इसका समाधान निकाला जाए। सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान जिला कलक्टर ने रात्रि चौपाल में विभाग का कोई अधिकारी नहीं आने की शिकायत पर जिला प्रभारी सचिव ने कहा कि जब जिला कलक्टर रात्रि चौपाल के लिए जा सकते हैं तो सिंचाई विभाग के अधिकारी क्यों नहीं जा सकता। आगे से ऐसी शिकायत नहीं आनी चाहिए।
जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन पीपीपी मोड पर शुरू करने के जयपुर के उच्चाधिकारियों के आदेश पर प्रभारी सचिव ने इस मामले में उच्च स्तर पर बातकर इसे जल्द शुरू करवाने की बात कही। राजश्री योजना को लेकर प्रभारी सचिव ने प्रथम और दूसरी किस्त को अगले एक महीने में सभी को जारी करने के निर्देश दिए।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में जिला प्रभारी सचिव शिखर अग्रवाल के अलावा जिला कलक्टर ज्ञानाराम, एसपी हरेंद्र महावर, सीईओ जिला परिषद विश्राम मीणा, एडीएम विजीलेंस वीरेन्द्र वर्मा, यूआईटी सचिव कैलाशचंद्र शर्मा, एसडीएम श्रीगंगानगर यशपाल आहूजा, कृषि विभाग के उपनिदेशक सतीश शर्मा, एसई पीएचईडी ताराचंद कुलदीप समेत विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
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