हरियाणा रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति का आरोप
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खुले दरबार में कर्मचारियों की नहीं सुनी समस्याएं
रोहतक (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति ने महाप्रबंधक द्वारा लगाए गए खुले दरबार में केवल खानापूर्ति करने का आरोप लगाया है। समिति के पदाधिकारी राजेश हुड्डा, हिम्मत राणा, नरेश नांदल, सुमेश कुंडू, सुरेन्द्र बैनिवाल, जोगेन्द्र ढुल, जोगेन्द्र मलिक ने आरोप लगाया कि बुधवार को नए बस स्टैंड स्थित कर्मशाला में कर्मचारियों की समस्या का निदान करने के लिए रोडवेज महाप्रबंधक द्वारा खुले दरबार का आयोजन किया गया था, लेकिन जब समिति के नेताओं ने महाप्रबंधक को कर्मचारियों की समस्याओं बारे अवगत कराया तो महाप्रबंधक बीच में ही खुला दरबार छोड़कर चले गए, जिससे रोडवेज कर्मचारियों में महाप्रबंधक के खिलाफ भारी आक्रोश है।
संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जब खुले दरबार में महाप्रबंधक के समक्ष मुख्यालय के नियमों की अवहेला करने, वरिष्ठ कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर न लगाने, कर्मचारियों की एसीपी, मैडिकल बिल, एरियर लम्बे समय से पैडिंग पड़े जैसे प्रमुख मांगें रखी तो महाप्रबंधक बीच में ही खुला दरबार छोड़ चल गए। समिति पदाधिकारियों का आरोप है कि जब महाप्रबंधक द्वारा कर्मचारियों की मांगें सुननी ही नहीं थी तो इस खुले दरबार का क्या औचित्य है, यह सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही लगाया गया है।
समिति पदाधिकारियों का तो यहां तक आरोप है कि महाप्रबंधक अपने कार्यालय में भी नहीं आते हैं और मुख्यालय के नियमों की सरेआम अवहेलना कर रहे हैं। समिति पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की है कि अगर जल्द महाप्रबंधक के खिलाफ कारवाई नहीं की गई तो हरियाणा रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति आंदोलन करने पर मजबूर होगी। जब इस बारे में रोहतक डिपो के महाप्रबंधक राहुल मित्तल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि खुले दरबार में सभी कर्मचारियों की समस्याओं को सुना गया है और संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा जो आरोप लगाये गए है वह निराधार है। जीएम ने बताया कि समिति पदाधिकारी केवल अपने वर्चस्व बचाने में लगे हुए हैं।
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