पीवी सिंधू का सपना फिर टूटा

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नानजिंग (एजेंसी)।

2016 के रियो ओलम्पिक, 2017 की विश्व चैंपियनशिप, 2018 की विश्व चैंपियनशिप… लगातार तीसरे वर्ष भारत की शीर्ष खिलाड़ी पीवी सिंधू का बड़ा खिताब जीतने का सपना टूट गया। सिंधू को स्पेन की कैरोलिना मारिन ने रविवार को लगातार गेमों में 21-19, 21-10 से हराकर तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। सिंधू को रियो ओलम्पिक के फाइनल में मारिन से हार कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। गत वर्ष वह विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा से हार गई थीं और इस बार फाइनल में उन्हें मारिन ने पराजित कर दिया। मारिन ने खिताबी मुकाबला मात्र 45 मिनट में जीत लिया। सिंधू के लिए फाइनल की बाधा तोड़ना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। ओलम्पिक का फाइनल, दो विश्व चैंपियनशिप का फाइनल और इस साल राष्ट्रमंडल खेलों का फाइनल चार ऐसे बड़े टूर्नामेंट हो चुके हैं जहां सिंधू खिताब के करीब पहुंच कर खिताब से दूर रह गई हैं। सिंधू का विश्व चैंपियनशिप में यह लगातार दूसरा रजत और ओवरआॅल चौथा पदक है। भारत का विश्व चैंपियनशिप में यह आठवां पदक है लेकिन उसका पहला स्वर्ण पदक जीतने का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।

इन आठ पदक में तीन रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं। सायना नेहवाल ने एक रजत और एक कांस्य पदक जीता है। तीसरी बार चैंपियन बनी मारिन ने 2015 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की सायना नेहवाल को हराया था। उन्होंने इससे पहले 2014 के फाइनल में चीन की ली जुईरुई को हराकर खिताब जीता था। सिंधू का इस हार के बाद विश्व रैंकिंग में आठवें नंबर की खिलाड़ी मारिन के खिलाफ 5-7 का करियर रिकॉर्ड हो गया है। सिंधू ने इस साल मलेशिया ओपन में मारिन को हराया था लेकिन वह विश्व चैंपियनशिप में मारिन से पार नहीं पा सकीं। पुरुष एकल का खिताब छठी सीड जापान के केंतो मोमोता ने तीसरी सीड चीन के शी यूकी को 49 मिनट में 21-11, 21-13 से हराकर जीता।

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