करनाल (सच कहूँ/विजय शर्मा)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक और पहल करते हुए प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपये तक की सब्सिडी देने व प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम किसानों को नि:शुल्क देने की घोषणा की। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है, इसके लिए हमें खाद्यान ही औषधि की धारणा को अपनाना होगा। प्राकृतिक खेती ही इसका एकमात्र रास्ता है। प्रदेश के 50 हजार एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है, लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर खंड में एक प्रदर्शनी खेत में प्राकृतिक खेती की करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री करनाल के डॉ. मंगलसैन आॅडोटोरियम हॉल में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे।
प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्लांट लगाने हेतु बनाया जाएगा पोर्टल
कार्यक्रम के दौरान सीधे संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्लांट लगाने हेतु पोर्टल बनाया जाएगा। इस पोर्टल पर जमीन की पूरी जानकारी देने के साथ-साथ किसान स्वेच्छा से फसल विविधिकरण अपनाने बारे जानकारी देंगे। इसके अलावा वे दलहनी फसलें उगाने बारे भी जानकारी देगा। इस प्रकार विभाग के पास पूरी जानकारी होगी तो आसानी से मोनिटरिंग की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को 20-25 के छोटे-छोटे समूह में प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे अच्छी तरह से फसल उत्पादन बारे जानकारी ले सकें।
प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के दिए टिप्स
मुख्यमंत्री ने कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के टिप्स दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों, जो स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाएंगे, उन्हें देसी गाय खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार की कृषि तकनीक प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) से जुड़े तकनीकी सहायक प्रबंधक, ब्लॉक तकनीकी सहायक प्रबंधक व उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि विभाग की आत्मा योजना सही मायने में रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोगों से हमारे खेतों में पैदा हो रहे जहरीले खाद्यान्नों को ठीक करने के लिए एक आवाज है। उन्होंने कहा कि सिक्किम देश का पहला राज्य है जो पूरी तरह से प्राकृतिक खेती पर आ गया है।
प्रगतिशील किसान अब कहलाएंगे प्रकृतिशील किसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि किसान अब प्राकृतिक खेती को समझने लगे हैं और कृषि विभाग द्वारा बनाए गए पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 1253 किसानों ने स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए पंजीकरण करवाया है। प्रगतिशील किसान अब कहलाएंगे प्रकृतिशील किसान प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल संबोधित करते हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ब्लॉक में एक प्रदर्शन प्लांट अवश्य बनाया जाए ताकि उस खंड के किसान उसका आसानी से लाभ उठा सकें। ब्लॉक स्तर पर 50 से ज्यादा प्रगतिशील किसान प्रशिक्षित किये जाएं।
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