चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। केन्द्रीय कृषि सचिव के बुलावे पर दिल्ली बैठक में भाग लेने गयीं पंजाब की किसान यूनियनों ने बैठक से वाकआउट करते हुये तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। बैठक से भाग लेकर लौट रहे पंजाब भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रधान जोगिंदर सिंह तथा महासचिव कोकरीकलां ने आज फोन पर बताया कि वो केन्द्र के रवैये से नाखुश थे क्योंकि मोदी सरकार के आठ मंत्री पंजाब किसानों को समझाने बुझाने जा सकते हैं लेकिन हमसे बातचीत के लिये किसी मंत्री या प्रधानमंत्री के पास वक्त नहीं । हमसे न तो चंडीगढ़ और दिल्ली में कोई मंत्री मिलने को तैयार नहीं। किसान नेताओं ने कहा कि हमने बैठक में कृषि सचिव को अपने विरोध से अवगत कराया ।
उन्होंने कहा कि कोई भी किसान भाजपा मंत्रियों को सुनने को तैयार नहीं । अब हम अपना अनिश्चितकालीन संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक केन्द्र तीनों कृषि कानून रद्द नहीं करती । इसके अलावा केन्द्र बिजली एक्ट में किये संशोधन को वापस ले। उन्होंने कहा कि हमारी यूनियन ने रेलवे ट्रैक पर पंजाब में जारी धरने 13 अक्तूबर को वापस ले लिये क्योंकि इससे आम लोगों की परेशानी तथा कोयला सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति न हो पाने को देखते हुये रेलवे ट्रैकों से धरने हटा लिये हैं लेकिन टोल प्लाजा, एस्सार तथा रिलायंस पैट्रोल पंप तथा मल्टीप्लेक्स पर धरने जारी रहेंगे । हमारा शांतिपूर्वक धरना राज्य में जारी रहेगा । रेलवे ट्रैक पर धरने अन्य 28 किसान यूनियनों के हैं हमारे नहीं । उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से किसानों से किया वादा निभाने का आग्रह किया।
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