महिला दिवस पर विशेष : महिला क्रिकेट विश्व कप में किया देश का नेतृत्व ( Cricket woman Harmanpreet Kaur)
सच कहूँ/सुखजीत मान बठिंडा। ‘मोगा हुण नहीं चाह जोगा’ मोगा की होनहार बेटी ने पूरे देश में पंजाब राज्य का नाम रोशन किया है। भारत की महिला क्रिकेट टीम पहली बार क्रिकेट विश्व कप के फाईनल में पहुंची है। कल जब भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाईनल मुकाबले के लिए मैदान में उत्तरेगी तो भारतीय टीम की कमान पंजाबी महिला बेटी हरमनप्रीत कौर के हाथ होगी। हरमनप्रीत की मां सतविन्द्र कौर को अपनी बेटी पर पूरा गर्व है। वर्ष 2006 -07 में पंजाब की क्रिकेट टीम की कप्तानी करते हरमनप्रीत कौर ने दिखा दिया था कि वह भविष्य में देश का नेतृत्व करने के योग्य है। भारती 19 साल वर्ग की टीम का नेतृत्व भी हरमनप्रीत कौर ने किया था।
- हरमनप्रीत कौर के माता-पिता भी कल अपनी बेटी को भारत का नेतृत्व करते देखेंगे जो आॅस्ट्रेलिया गए हुए हैं।
- हरमनप्रीत कौर के पिता हरमिन्दर सिंह एक वकील के पास मुंशी का काम करते हैं
- अपनी बेटी को बेहतर प्रशिक्षकों से कोचिंग दिलाकर देश का नेतृत्व करने के योग्य बनाया है।
- जब हरमनप्रीत कौर का जन्म हुआ था तब उस समय पर भी किसी ने रत्ती भर अफसोस नहीं किया
- उनके घर बेटी हुई है और अब खुद हरमनप्रीत ने अपने खेलों में दिखा दिया है
- बेटियां भी माता-पिता का नाम रोशन कर सकतीं हैं।
हरमनप्रीत कौर के पिता हरमिन्दर सिंह के दोस्त और मोगा निवासी डॉ. अमरीक सिंह ने बताया कि जब हरमन के पिता सहित अन्य लड़के उनके घर के पास ही क्रिकेट खेलते था तो छोटी सी उम्र में ही हरमन वहां बाऊंड्री से पूरे उत्साह से गेंद उठाती थी। खेलने वाले लड़के कितने भी चौके -छक्के लगाते गेंद को बाहर से उठाकर मैदान में हरमनप्रीत ही फेंकती थी। उन्होंने बताया कि उस समय पर भी वह कभी भी थकावट महसूस नहीं करती थी।
महिला दिवस मौके हरमनप्रीत देश को दे सकती है तोहफा
भले ही 8 मार्च को महिला दिवस के साथ-साथ हरमनप्रीत कौर का जन्म दिन भी है। भारतीय टीम फाईनल जीतकर अपनी कप्तान को तोहफा देने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाऐगी। हरमनप्रीत कौर की भी कोशिश रहेगी कि वह विश्व कप जीतकर अपने जन्म दिन के अलावा महिला दिवस को यादगर बनाकर दिखा दे कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं।
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