14 दिसंबर को पटियाला पुलिस रेंज में पूछताछ के लिए बुलाया
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चालान पेश करने के बाद भी पुलिस कर रही अनोखी जांच, हाईकोर्ट भी लगा चुका है फटकार
सच कहूँ न्यूज, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने डेरा श्रद्धालु महेन्द्रपाल बिटू की हत्या मामले की जांच के नाम पर तीसरी बार नोटिस भेज कर बिट्टू के परिवार को 14 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। परिवार के सदस्यों ने पुलिस की कार्रवाई को गैर-कानूनी और धक्केशाही करार दिया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए महेन्द्रपाल बिट्टू की धर्मपत्नी संतोष कुमारी के हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट बलतेज सिंह सिद्धू, एडवोकेट केवल सिंह बराड़, एडवोकेट विवेक गुलबधर और एडवोकेट बसंत सिंह सिद्धू ने बताया कि आईजी पटियाला रेंज द्वारा महेन्द्रपाल बिट्टू के पुत्र अरमिन्द्रपाल और धर्मपत्नी संतोष कुमारी के नाम अब तीसरी बार नोटिस भेजा है और 14 दिसंबर को पटियाला रेंज में पूछताछ के लिए बुलाया है।
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने इससे पहले भी दो बार 30 नवंबर और छह दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था जोकि हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। परिवार ने पहले भी नोटिस भेजने की शिकायत हाईकोर्ट में की थी, जिस पर नाराजगी प्रकट करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा कि परिवार हत्या मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए हाईकोर्ट पहुंच चुका है। हाईकोर्ट जो भी फैसला करेगी वह हमें मंजूर होगा लेकिन हम महेन्द्रपाल बिट्टू पर अत्याचार करने वाली पंजाब पुलिस की जांच बिल्कुल भी नहीं चाहते।
वकीलों ने बताया कि 22 जून 2019 में डेरा श्रद्धालु महेन्द्रपाल बिट्टू की नाभा जेल में हत्या कर दी गई थी। यह हत्या सरकार की कस्टडी में साजिश के तहत हुई थी। इस मामले की जांच के लिए पंजाब पुलिस ने स्पेशल जांच टीम बनाई थी लेकिन यह जांच सही ढंग से नहीं की और खानापूर्ति कर छोड़ दी। वकीलों ने यह भी कहा कि पुलिस हिरासत के चलते हुई हत्या के लिए सबसे पहले सवाल पुलिस पर उठते हैं फिर इसकी जांच पंजाब पुलिस कैसे कर सकती है? खानापूर्ति करते एक एसएचओ ने अदालत में चालान पेश कर दिया था। वकीलों ने यह भी बताया कि महेन्द्रपाल बिट्टू ने हत्या से पहले जेल में लिखी चिट्ठी में स्पष्ट कर दिया था कि पुलिस द्वारा उसे जान से मारने की सरेआम धमकियां दी गई थीं कि उसे नाभा जेल में मरवा दिया जाएगा।
आखिर साजिश के तहत वही कुछ हुआ और बिट्टू की हत्या करवाई गई। वकीलों ने यह भी बताया कि हत्या के बाद महेन्द्रपाल बिट्टू की डायरी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को सौंपी गई थी लेकिन उस पर किसी भी कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ाया गया। आखिर परिवार ने पुलिस से न्याय न मिलने के चलते साल 2021 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वकीलों ने कहा कि जब पुलिस चालान पेश कर चुकी है तब पुलिस द्वारा जांच करने और परिवार को नोटिस भेजने का कोई औचित्य नहीं। इसके साथ ही बिट्टू का परिवार मामले की सीबीआई से जांच करवाने के लिए हाईकोर्ट गया, फिर भी पुलिस की कार्रवाई का कोई मतलब नहीं रह जाता।
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