अदालत में सरकारी वकील ने जानकारी होने से किया इन्कार, पुलिस भी कुछ नहीं बोली
-
सीबीआई से जांच करवाने के मामले में सरकार ने मांगा दो सप्ताह का समय, अगली सुनवाई 20 को
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। वीरवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस ने एक मामले में पंजाब पुलिस और सरकारी वकील को जमकर लताड़ लगाई। सरकारी वकील को कोई जवाब तक नहीं आया, जिसके बाद सरकारी वकील ने उस मामले में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। याचिकाकर्ता ने इस संंबंधी हाईकोर्ट में जानकारी दी थी।
महेन्द्रपाल बिट्टू के हत्या मामले में दो साल पूर्व दी गई जांच की याचिका पर कार्रवाई करते हुए पटियाला के आईजी पुलिस ने बिट्टू की पत्नी संतोष कुमारी और पुत्र अरमिन्द्र को 29 नवंबर को नोटिस जारी करते हुए 30 नवंबर को पेश होने के लिए कहा। इस नोटिस की कॉपी वीरवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेश करते हुए याचिककर्ता संतोष कुमारी के वकील बलतेज सिद्धू ने कहा कि जब इस मामले में पंजाब पुलिस चालान ही पेश कर चुकी है तो इन दोनों को नोटिस क्यों भेजा गया? क्या पंजाब पुलिस की जांच टीम इस मामले में आगे जांच करना चाहती है? यदि यह ठीक है तो याचिककर्ता द्वारा दायर याचिका सच साबित होती है कि पंजाब पुलिस की जांच टीम ने बिना कोई कार्रवाई किए चालान पेश कर दिया और मामले की जांच सही ढंग से नहीं की।
इस पर जस्टिस राज मोहन सिंह ने पंजाब पुलिस के सरकारी वकील से पूछा कि यह नोटिस क्यों जारी किया गया है तो सरकारी वकील ने कहा कि उन्हें इस संबंधी कोई जानकारी नहीं। इस पर माननीय जस्टिस ने कहा कि जब आप सरकार और पुलिस की तरफ से पेश हो रहे हैं तो आपको इस संबंधी जानकारी होनी चाहिए और यह बताया जाए कि यह नोटिस जारी करने के पीछे क्या कारण है? इस पर सरकारी वकील ने चुप्पी साध ली।
महेन्द्रपाल बिट्टू हत्या मामले की जांच सीबीआई से करवाने के मामले में पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा तो माननीय हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए पंजाब सरकार को जवाब के लिए दो सप्ताह का समय देते हुए अगली तारीख 20 दिसम्बर तय कर दी। याचिकाकर्र्ता संतोष कुमारी द्वारा बलतेज सिद्धू के अलावा वकील आरके. हांडा, वकील केवल सिंह बराड़ और बसंत सिंह पेश हुए थे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।