चिट्टे की चपेट में युवा व कर्ज के बोझ तले दबे किसानों द्वारा आत्महत्या करने के बाद पंजाब के लिए एक और चिंताजनक खबर है कि देश में सबसे अधिक विदेश भेजने वाले फर्जी एजेंट दिल्ली के बाद पंजाब में हैं। विदेश मंत्रालय की जारी रिपोर्ट में दिल्ली में 85 और पंजाब में 76 ट्रैवल एजेंट फर्जी होने का खुलासा हुआ है। इसी तरह चंडीगढ़ में 22 और हरियाणा में 13 फर्जी एजेंट घूम रहे हैं। उतर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद दूसरे नंबर पर है जहां 73 फर्जी एजेंट हैं। फिलहाल यह तो केवल एक ट्रेलर है फिल्म अभी बाकी है।
वास्तविक्ता यह है कि हजारों फर्जी एजेंट काम कर रहे हैं, जिनका न तो कोई कार्यालय है और न ही कोई पता। बस मोबाइल नंबर वाले पैंफलेट छापकर शातिर दिमाग लोग भोले-भाले युवाओं से लाखों रुपए ऐंठ रहे हैं। कोई जमीन, कोई घर बेचकर इन ठगों के झांसे का शिकार हो रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा न तो फर्जी एजेंटों के खिलाफ कोई बड़ी मुहिम छेड़ी गई है और न ही लोगों को जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए। पंजाब ट्रैवल एजेंटों का अड्डा बन गया है, जो हमेशा सुर्खियों में रहता है। रोजाना ठगी के मुकदमे दर्ज हो रहे हैं लेकिन किसी एकआध को ही सजा के अंजाम तक पहुंचाया जाता है। विशेष तौर पर मोहाली और लुधियाना फर्जी एजेंटों का गढ़ बन गये हैं। दो दर्जन से अधिक फर्जी एजेंट मोहाली में बैठे हैं।
जिला लुधियाना में पिछले साल तीन महीनों में ठगी के 70 मामले दर्ज हुए। कभी होशियार विद्यार्थी दसवीं-बारहवीं करने के बाद डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना देखते थे, लेकिन अब आईलैटस पास करना ही सबसे बड़ी योग्यता बन गया है। हर कोई विदेश जाने का इच्छुक है। होना तो यह चाहिए था कि सरकार कानूनी तौर पर विदेश जाने संबंधी युवाओं को जागरूक करने के लिए कोई ठोस मुहिम चलाती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोषी एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई भी उचित तरीके से नहीं हो रही। ठग एजेंट भी परिचित हैं कि भ्रष्टाचार के कारण किसी न किसी तरीके से वह बच निकलेंगे। ठगी के शिकार हुए कई व्यक्ति खुदकुशी के रास्ते पड़ जाते हैं। पंजाब सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषी एजेंटों के खिलाफ कार्यवाही करे। युवाओं और उनके अभिभावकों को चाहिए कि वह फर्जी एजेंटों की बातों में न आकर जांच के बाद कानूनी तरीके से ही विदेश जाएं।