बस ट्रेकिंग सिस्टम के लिए तैयार पंजाब सरकार, जल्द ही जीपीएस करेगा काम

bus trekking system

ट्रांसपोर्ट मंत्री रजिया सुल्ताना ने जीपीएस आधारित बस ट्रेकिंग सिस्टम के काम काज की की समीक्षा | Bus Trekking System

  • पंजाब रोडवेज व पनबस के 18 डिप्पूंओं में लगाया जाएगा यह सिस्टम

चंडीगढ़(सच कहूँ/अशवनी चावला)। पंजाब की सड़कों पर दौड़ने वाली सरकारी बसों की ट्रेकिंग के लिए राज्य सरकार और ट्रांसपोर्ट विभाग तैयार है। जल्द ही पंजाब की बस ट्रेकिंग सिस्टम के द्वारा बसें न सिर्फ ट्रैक की जा सकेंगी, बल्कि उच्च अधिकारियों के राडार पर भी रहेंगी, जिससे जो भी बस किसी भी तरह की लेट लतीफी के साथ गलत तरीके से चलाई जाएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

ट्रांसपोर्ट मंत्री रजिया सुलताना ने बताया कि पंजाब रोडवेज और पंजाब स्टेट बस स्टैंड मैनेजमेंट कंपनी (पनबस) की ओर से बसों में वहीकिल ट्रेकिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं और सवारियों के लिए पेसैंजर इन्फोरमैंशन सिस्टम तैयार किया जा रहा है। यह सिस्टम 1800 बसों में लागू किया जाना है और इसे लागू करने में 5.8 करोड़ रूपये की लागत आयेगी और यह सिस्टम 5 साल के लिए चलाया जाएगा। इस सिस्टम के लिए मूल लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार की ओर से दिया जाना है।

उन्होंने कहा कि पंजाब रोडवेज व पनबस के मुख्य कार्यालय में केंद्रीय निगरानी और कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं जहां बसों की लाईव ट्रेकिंग की जायेगी। उन्होंने कहा कि नयी ट्रांसपोर्ट नीति के अंतर्गत पंजाब के ट्रांसपोर्ट वाहनों में वाहन ट्रेकिंग सिस्टम लगाना पंजाब सरकार का पहला कदम है। उन्होंने बताया कि इस पायलट प्रोजैक्ट अधीन जालंधर 1 और जालंधर 2 डिपूओं की 110 बसों में जीपीएस उपकरण लगाए गए हैं। यह सिस्टम अब पंजाब रोडवेज और पनबस के सभी 18 डिपूआं में लगाए जाएंगे। इस प्रॉजैकट को मई, 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह सिस्टम आने वाले भविष्य में पीआरटीसी व प्राईवेट बसों में भी लगाया जाएगा।

बसों में बस ट्रेकिंग सिस्टम लागू होने से महिलाओं की बढेगी सुरक्षा

  • इस प्रॉजैक्ट के फायदों संबंधी बताते ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि इस प्रोजैक्ट के पूरी तरह लागू होने
  • यात्रियों विशेष तौर पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस
  • के सहयोग के साथ सभी बसों में पैनिक बटन लगाए जाएंगे।
  • इसी तरह बसों की मोनिटरिंग और कंट्रोल के लिए चंडीगढ़ में सैंट्रल कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।
  • उन्होंने बताया कि समूह बसों की ओवर स्पीडिंग, हारश ब्रेकिंग, हारश एक्लरेशन, बसों की रात ठहरने
  • अपने निश्चित स्थान की जगह पर किसी अन्य स्थान पर रूकना, बसों का 25 मिनट से अधिक ढाबों पर रूकना,
  • बायपास, फ्लाई ओवर, रूट डायवशन, स्टोपेज मिस करना, अपने निश्चित समय से पहले
  • और बाद में चलना, निश्चित किलोमीटर तय न करना आदि की रियल टाईम मोनिटरिंग
  • सैंट्रल कंट्रोल रूम और बसों से संबंधित डिपूओं की ओर तरफ से की जाएगी व एसएमएस द्वारा अलर्ट भी भेजे जाएंगे।

ट्रांसपोर्ट मंत्री रजिया सुलताना ने कहा कि मैनेजमेंट इन्फोरमेशन सिस्टम जिनमें चालक बिहेवियर, कंडक्टर बिहेवियर, बस का प्रयोग, स्टाफ का प्रयोग, निश्चित समय पर देर व जल्दी चलने वाली बसें, बसों के द्वारा तय किये गए किलोमीटर आदि ंसंबंधी रिर्पाेटें इस सिस्टम की ओर से तैयार की जाएंगी। रजिया सुल्ताना ने आगे कहा, ‘‘इस प्रणाली को लागू कर ट्रांसपोर्ट विभाग ने अपनी, बसों के यात्रियों खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा की तरफ एक कदम आगे बढ़ाया है। यात्री मोबाईल एप्लीकेशन की सहायता के साथ निजी बस अड्डों के ईटीए/ ईटीडी के साथ-साथ अपनी, बसों की स्थिति की जांच / ट्रैक कर सकेंगे।’’

 

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करे।