पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने अमरिदंर सरकार का पहला बजट पेश करते हुए हर वर्ग को काफी रियायतें दी हैं। कमजोर आर्थिक दशा वाले प्रदेश में रियायतें दिया जाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। फिर भी सरकार ने प्रयत्न तेज कर दिये है कि वह चुनावी घोषणा पत्र में किए अपने वायदों को पूरा करे। पौने नौ लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया है, यह एक ऐतिहासिक पहल है।
पंजाब सहित पूरे देश में किसान खुदकुशियां कर रहे हैं। कृषि में किसी वक्त पंजाब सबसे सम्पन्न राज्य था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है और पंजाब का किसान आत्महत्याएं करने पर मजबूर हो रहा है।
कांग्रेस सरकार ने साबित कर दिया है कि वही एकमात्र पार्टी है जो किसानों व मजदूरों का दर्द समझ सकती है। जबकि क्षेत्रीय दल अकाली दल पंजाब में किसानों व ग्रामीणों की पार्टी मानी जाती है परन्तु वह अपनी दस वर्ष की सत्ता में किसान वर्ग को कोई राहत नहीं दे सका। अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के अनेकों वायदे महज कागजी बातें ही होकर रह गए।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अपने खेतों की बिजली सब्सिडी को लौटा दिया है, यह सराहनीय कदम कहा जाना चाहिए। इससे पंजाब प्रदेश के बड़े किसानों पर भी नैतिक दबाव बनेगा कि वह भी अपने खेतों में बिजली सब्सिडी का परित्याग करें।
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का दावा है कि वह फालतू खर्च को कम कर प्रदेश को रोजगारन्मुख बनाने की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का युवाओं को स्मार्टफोन देने का वायदा एक लोक-लुभावन वायदा है।
जिस पर सरकार को प्रदेश में एक सर्वे करवा लेना चाहिए कि क्या प्रदेश के युवा स्मार्टफोन चाहते हैं या इसके खर्च में और सुविधा सरकार दे? शहरी मध्य वर्ग की भी सार लेनी होगी। वह अपनी कम मासिक आमदनी की वजह से महंगाई में पिस रहा है, जिसको राहत तभी मिल सकती है कि रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं।
बात: पुन: कृषि कर्जों में सुधार की करें, तब प्रदेश में कर्ज का संकट क्यों खड़ा हुआ, उसकी नब्ज टटोली जाए। महंगे कीटनाशक, खादें, नकली बीज, एवं फसलों के कम दामों ने कृषि कर्ज को बढ़ाया है।
डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए। खेत यूनिवर्सिटी सरकार का बढ़िया प्रयास है, परंतु यह पटियाला की बजाय किसी अन्य जिले में दी जानी चाहिए थी। बजट में बाकी प्रावधानों की यदि बात करें, तब पुलिस थाने बढ़ाए गए हैं, लेकिन इसके साथ-साथ पुलिस प्रशिक्षण पर भी खर्च बढ़ाए जाएं, ताकि अच्छी पुलिसिंग की सेवाएं आमजन को मिलें।
बुजुर्गों व विधवाओं की पेंशन अच्छी है, इसमें और वृद्धि की गुंजाइश है, क्योंकि पड़ोसी हरियाणा में करीब-करीब ये पेंशन दोगुनी है। पंजाब सरकार का पहला बजट सराहनीय है। खाली खजाना, चौपट प्रशासन व्यवस्था के बावजूद सरकार ने बहुत जल्दी अच्छा काम किया है।
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